
Ramayan में Mandodari का रोल अब पूरा होने को है क्योंकि जल्द ही रावण की मौत होने वाली है। जब पहली बार 'रामायण' को दूरदर्शन ने दिखाया था तब मंदोदरी उन किरादारों में एक थी जिसे उस जमाने में खूब पसंद किया गया था। बता दें कि 'मंदोदरी' का रोल करने वाली अपराजिता भूषण, मशहूर कलाकार भारत भूषण की बेटी हैं। अपराजिता ने बताया है कि वो इस रोल के लिए रामानंद सागर को मना कर चुकी थीं लेकिन उन्होंने जिद कर उनसे करवाया।
अपराजिता बताती हैं 'मैं रामायण के लिए डब कर रही थी तो मुझे रामानंद सागरजी ने यह रोल ऑफर किया। पहले मुझे लगा कि ये नेगेटिव रोल है लेकिन उनके समझाने पर मैं जानी मंदोदरी तो रावण की पसंदीदा थीं क्योंकि वो खूबसूरत और आध्यात्मिक स्वभाव की थीं।'
शूट के लिए अपराजिता को ट्रेन से उमरगांव जाना होता था। वो एक सूटकेस के साथ यह सफर किया करती थीं। वे आगे बताती हैं 'जब मैं मंदोदरी के शूट के लिए पहुंचीं तो मेरी सांस ही रुक गई। मुझे ग्रेट स्टेज आर्टिस्ट अरविंद त्रिवेदीजी के सामने सीन करना था। मैं बेहद नर्वस थी, इसके कारण 35 रीटेक्स हुए। मैं लगातार डायलॉग्स भूल रही थी। थककर मैं सागरजी के पास गई और मैंने कहा दिया कि मुझसे नहीं होगा। सागरजी का जवाब था - तुम ही इस रोल को करोगी। फिर उन्होंने टीम से कहा - पटिया लगाओ! मुझे समझ नहीं आया कि किस पटिये की बात हो रही है! दरअसल, लकड़ी का एक बोर्ड होता था जिस पर डायलॉग लिखे होते थे, कलाकार को केवल इसे पढ़ना होता था। आखिरकार मेरा पहला सीन शूट हुआ।'
जब यह एपिसोड दिखाया गया तो अपराजिता को तारीफों के कई फोन आए। एक कॉल उनके पिता भारत भूषण का भी था। अपराजिता बताती हैं 'पापाजी मेरे पूछने पर ही इस बारे में बोले, उन्होंने सिर्फ इतना कहा - हम्म्म्म... अच्छा था ... लेकिन... पटिया पढ़ रही थी, ये आखिरी बार था... अब कभी ये ना देखूं कि मेरी बेटी पटिया पढ़ रही है।' और वाकई यह आखिरी बार था, इसके बाद अपराजिता ने पटिया नहीं पढ़ा और उन पर पिता ने गर्व भी किया।