सूरत हादसा: आगजनी में मारे गए बच्चों की आत्मा की शांति के लिए 5 साल की शिफा ने रखा रोजा
आगजनी में मारे गए बच्चों की आत्मा की शांति के लिए 5 साल की एक बच्ची शिफा ने रोज रखा था।
By Sushma Barange
Edited By: Sushma Barange
Publish Date: Wed, 05 Jun 2019 04:23:36 PM (IST)
Updated Date: Wed, 05 Jun 2019 04:35:47 PM (IST)

सूरत। गुजरात की आर्थिक राजधानी सूरत में 24 मई को एक कोचिंग सेंटर में हुई आगजनी में 22 बच्चों की जान चली गई थी। उस हादसे में कई लोगों ने जान बचाने के लिए चौथे माले से छलांग लगा दी थी। इनमें से कुछ की जान बची, तो कुछ की मौत हो गई। उन्हीं बच्चों की आत्मा की शांति के लिए 5 साल की एक बच्ची शिफा ने रोज रखा था। एक आम रोजेदार की तरह शिफा ने भी हर एक नियम का पालन किया, जो रमजान में अमूमन आसान नहीं होता।
ऊपरवाला रखेगा उन बच्चों का ख्याल
सूरत के चौक बाजार में रहने वाली शिफा के पिता मोईन शेख और मां शबीना ने बताया कि रमजान शुरू हो चूका था। शिफा ने पिछले साल भी 27 दिन तक रोजा रखा था। इस बार उसने हादसे की बीच ही रोजा रखने की बात कही। हमने पूछा तो उसने कहा कि, मैं उन बच्चों के लिए रोजा रखना चाहती हूं जिन्होंने असमय अपनी जान गंवाई है। ऊपरवाला उनका ख्याल रखेगा। अल्लाह ताला ने उन बच्चों को अपने पास बुलाया है। मैंने रोज रख कर उनके और उनके परिवार के लिए शांति की दुआ की है।
शिफा ने टीवी पर देखी थी न्यूज
मोइन शेख ने कहा कि, हादसे के अगले दिन सुबह शिफा ने रोजा रखने की इच्छा जाहिर की। मैंने शुरुआत में शिफा को रोजा रखने के लिए मना किया, लेकिन वह नहीं मानी। जब शिफा ने हमें रोजा रखने के पीछे अपने मकसद के बारे में बताया तो हमने उसका हौसला बढ़ाया। शिफा ने बड़ी ही शिद्दत से अपना रोजा पूरा किया। मोइन ने बताया कि, 'शिफा ने उस हादसे के बारे में टीवी पर न्यूज देखी थी। उस न्यूज को देखने के बाद शिफा ने मुझसे पूछा था कि, आग में जल कर मरने वालों को कैसा लगता होगा। शिफा उन बच्चों की फैमिली से भी मिलना चाहती है, जिनकी मौत उस हादसे में हुई थी।'