
अहमदाबाद। गुजरात में भले ही शराब पर प्रतिबंध लगा है लेकिन इसके बावजूद लोग कहीं ना कहीं से इसकी जुगाड़ कर ही लेते हैं। जहां बड़े-बुजुर्गों में शराब का चलन है वहीं राज्य के बच्चों में नशे का चलन बढ़ता जा रहा है और इसके लिए वो व्हाइटनर और कफ सिरप के नशे में डूबते जा रहे हैं। व्हाइटनर और कफ सिरप इन्हें आसानी से मिल जाते हैं। व्हाइटनर और कफ सिरप के नशे से बच्चे के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है। अहमदाबाद पुलिस ने ऐसे ही मामले में एक पिता की शिकायत के बाद एक स्टेशनरी स्टोर पर छापा मारकर भारी मात्रा में व्हाइटनर और कफ सिरप बरामद किया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दुकान मालिक को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक नए नरोड़ा कृष्णनगर क्षेत्र में रहते सुरेशभाई डी परमार ने बताया कि बापूनगर पुलिस थाने में पहुंचकर इंडिया कॉलोनी रोड पर स्थित प्रकाश जनरल स्टोर्स के मालिक प्रफुलचन्द्र शिवप्रकाश जोशी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने शिकायत में कहा कि बीती रात उनका 16 वर्षीय पुत्र नाक से कुछ सूंघ रहा हा था। जब वे पास गए तो उसके हाथ में एक ट्यूब था।
उन्होंने तुरंत ही अपने बेटे के हाथ से यह ट्यूब छीन लिया। ट्यूब पर कोरेक्स इरेज-एक्स डाईल्युटर पेन 12 एमएल लिखा हुआ था। जब उन्होंने अपने बेटे से सख्ती से पूछा तो उसने बताया कि यह सूंखने से उसे नशा होता और वह शांत होता जाता है। उसे मजा आ जाता है। उसके बेटे ने बताया कि बापूनगर इंडिया कालोनी में स्थित प्रकाश जनरल स्टोर्स में यह मिलता है।
बापुनगर पुलिस थाने के प्रभारी निरव व्यास ने बताया कि पिता की शिकायत के बाद प्रकाश जनरल स्टोर्स पर छापा मारा गया। यहां से भारी मात्रा में व्हाइटनर और कफ सिरप का जत्था मिला है। दुकान मालिक केवल चंद रुपए के लिए बच्चो को व्हाइटनर और कफ सिरप भी लाकर देता है। दुकान मालिक प्रफुलचन्द्र शिवप्रकाश जोषी के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
गौरतलब है कि पेपर पर राइटिंग मिस्टेक्स को मिटाने के नाम पर बड़े पैमाने पर व्हाइटनर का इस्तमाल नशे के लिए हो रहा है। व्यापारी व दुकानदार केवल चंद रुपयों के लिए युवाओं और स्कूली बच्चों को खुलेआम व्हाइटनर बेच रहे हैं। अहमदाबाद में वसाहतों और चालियों में रहनेवाले अधिक बच्चें इस नशे का शिकार हो रहे है।
व्हाइटनर पॉलीवायनील क्लोराइड का एक बहुलक है। यह पानी में घुलनशील नहीं होता इसे घोलने के लिए एल्कोहल बेस्ड द्रव की जरुरत होती है। एल्कोहल नशा करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसे सूंघने से कम उम्र का व्यक्ति कोम में जा सकता है। फेफड़ो में एलर्जी हो सकती है, शरीर के भीतरी अंको को नुकसान होता है। इससे केन्सर होने की मात्रा अधिक होती है।