लाइफस्टाइल डेस्क, इंदौर। शादी प्यार और वादे से जुड़ा एक खूबसूरत रिश्ता है, लेकिन यह रिश्ता हमेशा परियों की कहानी जैसा नहीं होता। यहां तक कि सबसे खुशहाल और समझदार जोड़ों को भी तनाव, असहमति और झगड़ों का सामना करना पड़ता है।
यह जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है। हालांकि, जब छोटे-छोटे मतभेद झगड़ों में बदलने लगें, तो यह मानसिक शांति पर असर डालता है। दांपत्य जीवन की डोर को भी कमजोर कर सकता है।
झगड़े तब और खराब हो जाते हैं, जब इसके पीछे लंबे समय से न सुलझाए गए मुद्दे हों। इन समस्याओं को समय रहते पहचाना जाए, तो इन्हें संवाद और सहानुभूति के साथ सुलझाया जा सकता है।
आइए जानते हैं शादीशुदा ज़िंदगी में आम झगड़ों के पांच कारण और उन्हें सुलझाने के तरीके...
गलतफहमी और असंतोष अक्सर संवाद की कमी से शुरू होते हैं। कई बार कपल्स समस्याओं को नजरअंदाज करते हैं। खुलकर बात नहीं करते। समाधान के लिए सबसे पहले एक-दूसरे को ध्यान से सुनना शुरू करें। इससे बेहतर बातचीत की शुरुआत होती है। दोनों के बीच विश्वास बनता है।
पैसों को लेकर असहमति अधिकांश रिश्तों में तनाव का बड़ा कारण होती है। खर्च और बचत को लेकर मतभेद आम हैं। इनसे बचने के लिए नियमित रूप से अपने पार्टनर के साथ वित्तीय मामलों पर चर्चा करें। आपसी वित्तीय लक्ष्य तय करें।
घर के कामों या बच्चों की परवरिश को लेकर असमानता एकतरफा महसूस होने लगे, तब तनाव बढ़ सकता है। साफ-साफ बातचीत करके यह तय करें कि कौन क्या जिम्मेदारी निभाएगा, जिससे दोनों को संतुलन महसूस हो।
अगर आप अपने जीवनसाथी से अपनी अपेक्षाएं जाहिर नहीं करते, तो वह उन्हें समझ नहीं पाएंगे और इससे निराशा पैदा होगी। रिश्ते में पारदर्शिता अपनाएं और हर जरूरी पहलू पर खुलकर बात करें।
पुरानी समस्याएं अगर समय पर हल न हों, तो वे भविष्य के झगड़ों में बार-बार सामने आती हैं। बेहतर होगा कि ईमानदारी से बात करके उन्हें सुलझा लिया जाए या पेशेवर सलाहकार की मदद ली जाए।