
लाइफस्टाइल डेस्क। प्राकृतिक अजूबों की दुनिया में 'ब्लैक डायमंड एप्पल' (Black Diamond Apple) एक ऐसा नाम है, जो अपनी खूबसूरती और दुर्लभता के लिए जाना जाता है। आमतौर पर हम लाल और हरे सेबों से परिचित हैं, लेकिन तिब्बत की पहाड़ियों में उगने वाला यह गहरे बैंगनी-काले रंग का सेब किसी रत्न से कम नहीं है।
यह सेब 'हुआनिउ' प्रजाति का हिस्सा है और 'रेड डिलीशियस' सेब का दूर का रिश्तेदार माना जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका रंग है, जो लगभग काला नजर आता है। इसकी खेती मुख्य रूप से तिब्बत के न्यिंगची क्षेत्र में समुद्र तल से 3,500 मीटर की ऊंचाई पर की जाती है।
ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान में होने वाले भारी बदलाव और सूरज की सीधी अल्ट्रावॉयलेट (UV) किरणों के कारण इस सेब की बाहरी त्वचा गहरे बैंगनी रंग की हो जाती है। हालांकि, यह बाहर से जितना गहरा दिखता है, अंदर से इसका गूदा उतना ही सफेद और रसीला होता है। स्वाद में यह अन्य सामान्य सेबों की तुलना में कहीं अधिक मीठा और क्रिस्पी होता है।
अपनी दुर्लभता और खेती की कठिन परिस्थितियों के कारण यह दुनिया के सबसे महंगे फलों में शामिल है। बाजार में इसके एक पीस की कीमत 500 से 700 रुपये तक हो सकती है। इसे स्थानीय बाजारों में ढूंढना नामुमकिन है क्योंकि यह केवल चुनिंदा जगहों पर ही उगता है।
ब्लैक डायमंड सेब सिर्फ देखने में ही आकर्षक नहीं है, बल्कि पोषण का खजाना भी है। इसका गहरा रंग 'एंथोसायनिन' के कारण होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। एंटीऑक्सीडेंट्स नाम की एक जर्नल में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, एंथोसायनिन रिच फूड्स हार्ट प्रॉब्लम्स के खतरे को कम करते हैं और सेल फंक्शनिंग में सुधार करते हैं। यह शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से लड़ने में भी मदद करता है।