डिजिटल डेस्क। ब्रेस्ट फीडिंग कराना न केवल शिशु के लिए पोषण का सर्वोत्तम स्रोत है, बल्कि यह मां के शरीर को भी मजबूत बनाता है। लेकिन ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को खास डाइट की जरूरत होती है ताकि वे खुद भी स्वस्थ रहें और बच्चे को भी पूरा पोषण दे सकें।
डिलीवरी के बाद शरीर कमजोर हो जाता है और स्तनपान से जरूरी पोषक तत्वों की खपत भी बढ़ जाती है। ऐसे में मां की डाइट में कुछ जरूरी न्यूट्रिशन का शामिल होना बेहद जरूरी है।
प्रोटीन बच्चे के टिश्यू और मांसपेशियों की ग्रोथ के लिए जरूरी होता है। इससे शरीर की मरम्मत और हॉर्मोन बैलेंस रहते हैं। स्तनपान के दौरान दूध के प्रोडक्शन और मां की मांसपेशियों की मजबूती के लिए प्रोटीन अहम है।
प्रोटीन के बेस्ट सोर्स: अंडे, दूध, दही, दालें, टोफू, पनीर, चिकन और मछली।
आयरन हीमोग्लोबिन और ब्लड निर्माण के उत्पादन में महत्वपूर्ण होता है। यह खून की कमी से बचाता है और थकान को दूर करता है। डिलीवरी के बाद अक्सर महिलाओं में आयरन की कमी हो जाती है, जो कमजोरी और चक्कर का कारण बनती है।
आयरन के बेस्ट सोर्स: हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, अनार, खजूर, गुड़, और बाजरा।
शिशु को मां के दूध से कैल्शियम मिलता है। अगर मां के आहार में पर्याप्त कैल्शियम न हो या उसकी जरूरतें पूरी न हों, तो मां के शरीर में इसकी कमी हो सकती है। कैल्शियम हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए जरूरी है।
कैल्शियम के बेस्ट सोर्स: दूध, दही, पनीर, तिल, हरी पत्तेदार सब्जियां और बादाम।
ओमेगा-3 फैटी एसिड बच्चे के ब्रेन और नर्वस सिस्टम के विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक होता है। यह नए सेल्स के निर्माण और एनीमिया से बचाव में मदद करता है। स्तनपान के जरिए ओमेगा-3 शिशु को मिलता है, जिससे वह मानसिक रूप से विकसित होता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड के बेस्ट सोर्स: अखरोट, अलसी के बीज, चिया सीड्स, मछली (साल्मन, टूना)।
डिलीवरी के बाद शरीर की रिकवरी और थकावट से बचाव के लिए फोलेट (या फोलिक एसिड) महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ऊतकों की मरम्मत में मदद करता है और शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। यह नए सेल्स के निर्माण और एनीमिया से बचाव में मदद करता है।
फोलेट/ फोलिक एसिड के बेस्ट सोर्स: ब्रोकली, पालक, दालें, केला, संतरा और राजमा।