
लाइफस्टाइल डेस्क। छठ पूजा (Chhath Puja 2025) बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश का लोक आस्था का सबसे बड़ा पर्व है, जो इस साल 25 से 28 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। दीपावली के बाद पूरे भारत में छठ का उत्साह देखने को मिलता है।
चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है, जिसमें व्रत, गीत, स्नान और डूबते-उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाती है।
अगर आप इस बार छठ पूजा की भव्यता और भक्ति का अनुभव नजदीक से करना चाहते हैं, तो भारत के ये 7 घाट आपके लिए सबसे खास हो सकते हैं। यहां हर साल हजारों श्रद्धालु आस्था और परंपरा के इस संगम को देखने जुटते हैं।
पटना का कंगन घाट छठ पूजा के दौरान बिहार का सबसे प्रसिद्ध केंद्र बन जाता है। गंगा नदी के तट पर स्थित यह घाट अपनी स्वच्छता, अनुशासन और विशाल आयोजन के लिए जाना जाता है। हजारों श्रद्धालु जब लोकगीतों के बीच सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं, तो पूरा वातावरण भक्ति और उल्लास से भर उठता है।
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धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण गया का सूर्य घाट छठ पूजा के दौरान श्रद्धा का समुद्र बन जाता है। फल्गु नदी के किनारे सजे दीपक, शंखध्वनि और भजन वातावरण को पवित्र बना देते हैं। यहां का शांत वातावरण और भक्तों की सामूहिक पूजा का दृश्य हर आगंतुक के मन में भक्ति का भाव जगाता है।
पटना का एक और लोकप्रिय स्थान दीघा घाट अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विशाल पूजा आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है। जब उगते सूर्य की पहली किरण गंगा की लहरों पर पड़ती है और हजारों महिलाएं एक साथ अर्घ्य देती हैं, तो वह दृश्य अत्यंत मनमोहक बन जाता है।
वाराणसी के अदालत घाट पर छठ पूजा का नजारा अद्भुत होता है। यहां गंगा आरती और सूर्य उपासना का संगम एक दिव्य अनुभव प्रदान करता है। पूरा घाट ‘छठी मइया’ के गीतों से गूंज उठता है, और दीपों की रौशनी में गंगा का जल मानो सुनहरे रंग में बदल जाता है।
कोलकाता के रवीन्द्र सरोवर में बिहार और झारखंड के प्रवासी समुदाय द्वारा छठ पूजा बड़े हर्षोल्लास से की जाती है। सैकड़ों दीपों से जगमगाता यह सरोवर शहर की भीड़ में भी भक्ति और शांति का अद्भुत अनुभव कराता है। यहां का वातावरण एकता, सौहार्द और सांस्कृतिक सौंदर्य का प्रतीक है।

प्राकृतिक सुंदरता से घिरा सुवर्णरेखा घाट शांत और आध्यात्मिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहां नदी किनारे परिवारजन एक साथ दीप जलाते हैं, लोकगीत गाते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं। शांत लहरों पर तैरते दीपक इस घाट की भक्ति को और दिव्यता प्रदान करते हैं।
दिल्ली में रहने वाले श्रद्धालुओं के लिए यमुना घाट छठ पूजा का प्रमुख केंद्र है। यहां हजारों भक्त पारंपरिक वेशभूषा में सूर्य देव की पूजा करते हैं। दिल्ली सरकार की ओर से किए गए खास इंतजाम इस पर्व को और भी भव्य बना देते हैं। आधुनिक महानगर के बीच यह स्थान परंपरा और आस्था का जीवंत उदाहरण है।