Ganesh Chaturthi 2025: पांचवें दिन बप्पा को लगाएं यह खास भोग, पूरी होंगी मनोकामनाएं
Ganesh Chaturthi Bhog: मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर प्रत्येक दिन का भोग अलग महत्व रखता है। गणेशोत्सव का पांचवा दिन और भी खास है क्योंकि इस दिन बप्पा को खीर का भोग लगाने की परंपरा है।
Publish Date: Sat, 30 Aug 2025 11:14:47 AM (IST)
Updated Date: Sat, 30 Aug 2025 11:54:27 AM (IST)
Ganesh Chaturthi BhogHighLights
- पांचवें दिन का विशेष भोग देखें।
- बप्पा के भोग का धार्मिक महत्व।
- घर पर बनाएं यह आसान रेसिपी।
डिजिटल डेस्क। गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। दस दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में भक्त रोज़ाना बप्पा को अलग-अलग नैवेद्य (भोग) अर्पित करते हैं।
मान्यता है कि प्रत्येक दिन का भोग अलग महत्व रखता है और भगवान गणेश को प्रिय प्रसाद चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। गणेशोत्सव का पांचवा दिन और भी खास है क्योंकि इस दिन बप्पा को खीर का भोग लगाने की परंपरा है।
पांचवें दिन का विशेष भोग- खीर
धार्मिक मान्यता के अनुसार, गणेशोत्सव के पांचवें दिन बप्पा को खीर का नैवेद्य अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। खीर शुद्धता, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। माना जाता है कि इस दिन खीर का प्रसाद चढ़ाने से जीवन में सुख-शांति आती है और हर मनोकामना पूरी होती है।
खीर का धार्मिक महत्व
- खीर भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय मानी जाती है।
- यह प्रसाद चढ़ाने से घर में अन्न-धन की कमी नहीं रहती।
- दांपत्य जीवन में मधुरता और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- मानसिक शांति और कार्यों में सफलता मिलती है।
घर पर बनाएं आसान रेसिपी
सामग्री
- एक लीटर दूध
- आधा कप बासमती चावल (धोकर 30 मिनट भिगोएं)
- आधा कप चीनी
- 7-8 काजू, बादाम और किशमिश
- 3-4 इलायची पाउडर
- थोड़े से केसर के धागे
विधि
1. सबसे पहले दूध को एक गहरे बर्तन में उबालें।
2. दूध में भीगे हुए चावल डालकर धीमी आंच पर पकने दें।
3. जब चावल अच्छी तरह गल जाएं और दूध गाढ़ा हो जाए तो इसमें चीनी डालें।
4. अब इसमें इलायची पाउडर, मेवे और केसर डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
5. तैयार खीर को ठंडा होने दें और फिर बप्पा को भोग लगाएं।
भोग लगाने की विधि
- पूजा स्थल पर भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के सामने खीर को नैवेद्य रूप में रखें।
- दीपक जलाएं और मंत्रों के साथ गणपति की आराधना करें।
- भोग के बाद खीर को परिवार और भक्तों में प्रसाद के रूप में बांटें।