लाइफस्टाइल डेस्क। देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में अब दिल की बीमारियाँ तेजी से घर कर रही हैं। प्रदेश के बड़े शहर इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में हार्ट अटैक और हृदय रोग के मामले बीते दो वर्षों में दोगुने से अधिक बढ़े हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अब सिर्फ शहरी बीमारी नहीं रही, बल्कि छोटे कस्बों और गाँवों तक फैल चुकी है।
डॉ. राकेश जैन, डीएम कार्डियोलॉजी, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, इंदौर का कहना है कि यह स्थिति आने वाले वर्षों में और गंभीर हो सकती है अगर लोगों ने समय रहते अपनी आदतें नहीं बदलीं। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश का खानपान और जीवनशैली पिछले एक दशक में पूरी तरह बदल चुकी है।
पहले घर का सादा और पौष्टिक भोजन लोगों के दिल को स्वस्थ रखता था, अब जगह ले ली है फास्ट फूड, तली-भुनी चीज़ों और ओवर इटिंग की आदत ने। इसके साथ ही तनाव, धूम्रपान, और शारीरिक निष्क्रियता ने इस संकट को और बढ़ा दिया है।”
राज्य में दिल के रोगों का पैटर्न भी बदल गया है। पहले जहां 50–60 साल के मरीज आम थे, अब 30–40 साल के युवा बड़ी संख्या में हार्ट अटैक और ब्लॉकेज की शिकायत लेकर अस्पताल पहुँच रहे हैं। डॉ. जैन बताते हैं कि सबसे चिंताजनक स्थिति यह है कि इनमें से अधिकतर मरीज पहले कभी अपना हार्ट चेकअप नहीं कराते। “बहुत से लोग अंदर ही अंदर हाइपरटेंशन, डायबिटीज़ या कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों से जूझ रहे होते हैं, लेकिन लक्षण न दिखने के कारण लापरवाही करते हैं। यही लापरवाही अचानक दिल के दौरे का कारण बन जाती है,” उन्होंने कहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि अब समय आ गया है कि मध्य प्रदेश में हार्ट हेल्थ को जनआंदोलन के रूप में लिया जाए। स्कूलों, दफ्तरों और समाज में नियमित जांच, पौष्टिक भोजन, योग, और तनावमुक्त जीवनशैली को बढ़ावा देने की जरूरत है।
डॉ. राकेश जैन, डीएम कार्डियोलॉजी, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ
डॉ. जैन के लोगों में व्यायाम को लेकर भी गलतफहमियाँ हैं। “कई लोग सालों तक निष्क्रिय रहने के बाद अचानक जिम या दौड़ना शुरू कर देते हैं। बिना जांच के भारी व्यायाम करना हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है। व्यायाम हमेशा धीरे-धीरे और नियमित होना चाहिए, तभी यह दिल को मजबूत बनाता है,” डॉ. जैन ने कहा।