
लाइफस्टाइल डेस्क। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और बिगड़ती जीवनशैली के कारण हड्डियों से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। पहले जहां हड्डी रोग उम्र बढ़ने के साथ दिखाई देते थे, अब वही दिक्कतें कम उम्र में ही सामने आने लगी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार गलत खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी और लंबे समय तक बैठकर काम करना इसकी मुख्य वजह है।
वर्तमान समय में मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है, जिसका सीधा असर जोड़ों और हड्डियों पर पड़ता है। ठंड के मौसम में गाठिया (आर्थराइटिस) से पीड़ित मरीजों को खासतौर पर सतर्क रहने की जरूरत होती है। इस दौरान जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या अधिक बढ़ जाती है।
हड्डियों को मजबूत रखने और दर्द से राहत पाने के लिए नियमित व्यायाम बेहद जरूरी है। जोड़ों की गरम सिकाई करने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है। इसके साथ ही पाचन को दुरुस्त रखने वाला संतुलित और पौष्टिक आहार अपनाना फायदेमंद साबित होता है।
आजकल ऑफिस वर्क या स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण लोग घंटों एक ही जगह बैठकर काम करते हैं। इससे कमर दर्द, गर्दन दर्द और स्पॉन्डिलाइटिस जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि हर दो घंटे में शरीर की हल्की स्ट्रेचिंग जरूर करें, ताकि मांसपेशियां और हड्डियां एक्टिव बनी रहें।
धूम्रपान और शराब का सेवन भी हड्डियों को कमजोर बनाता है। ये आदतें धीरे-धीरे हड्डियों की मजबूती को खत्म कर देती हैं। इसलिए हड्डी रोगों से बचने के लिए इन बुरी आदतों से दूरी बनाना बेहद जरूरी है।
अधिक वजन होने से घुटनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दर्द की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में वजन को नियंत्रण में रखना और रोजाना कम से कम आधा घंटा व्यायाम करना जरूरी है।
कई लोग हड्डियों में दर्द होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के दर्द निवारक दवाएं लेने लगते हैं। ऐसा करना किडनी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यदि दर्द लंबे समय तक बना रहे, तो लापरवाही न बरतते हुए तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए। - डॉ. जयंत शर्मा, हड्डी रोग विशेषज्ञ