डिजिटल डेस्क। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अकेलापन (Loneliness) आम समस्या बन गया है। पढ़ाई, नौकरी या फिर रिश्तों में दूरी के कारण कई लोग खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं।
शुरुआत में यह सामान्य लगता है, लेकिन लंबे समय तक रहने वाला अकेलापन मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसी बीमारियां भी बढ़ सकती हैं।
1. सामाजिक दूरी - परिवार से दूर रहना या दोस्तों से जुड़ाव न होना।
2. लाइफस्टाइल में बदलाव - ऑनलाइन जीवनशैली, सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताना और असल जिंदगी में कम बातचीत करना।
3. रिश्तों में तनाव - पति-पत्नी, दोस्त या परिवार के बीच मतभेद के कारण भी इंसान खुद को अलग-थलग महसूस करने लगता है।
4. उम्र और परिस्थितियां - बुजुर्ग लोग या वे लोग जो अकेले रहते हैं, उनमें अकेलापन ज्यादा होता है।
डिप्रेशन और एंग्जायटी - लगातार अकेलापन इंसान को नकारात्मक सोच की ओर धकेलता है।
नींद की समस्या - तनाव और अकेलेपन की वजह से नींद पूरी नहीं हो पाती।
आत्मविश्वास की कमी - दूसरों से कम बातचीत करने वाले लोग धीरे-धीरे आत्मविश्वास खोने लगते हैं।
शारीरिक बीमारियां - रिसर्च बताती है कि अकेलेपन से हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ जाता है।
1. सोशल कनेक्शन बनाएं - परिवार और दोस्तों से नियमित बातचीत करें।
2. नए शौक अपनाएं - डांस, म्यूजिक, योग या पेंटिंग जैसी गतिविधियां अपनाकर दिमाग को एक्टिव रखें।
3. ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन जुड़ें - मोबाइल और सोशल मीडिया पर समय कम दें, असल जिंदगी में लोगों से मिलें।
4. मेडिटेशन और एक्सरसाइज - रोजाना योग और ध्यान से मानसिक शांति मिलती है।
5. जरूरत पड़े तो एक्सपर्ट से मदद लें - लगातार उदासी या तनाव महसूस हो तो मनोचिकित्सक या काउंसलर से सलाह लें।