
लाइफस्टाइल डेस्क। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में थकान, चेहरे पर समय से पहले झुर्रियां, पाचन संबंधी समस्याएं और नींद की कमी आम हो गई हैं। ऐसे में आयुर्वेद में एक सरल घरेलू उपाय बताया गया है, जिसमें रात को सोने से पहले नाभि में तेल की कुछ बूंदें डालने की परंपरा शामिल है। माना जाता है कि इस आदत से शरीर को अंदरूनी संतुलन और पोषण मिल सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार नाभि को शरीर का केंद्र बिंदु माना जाता है। यह वह स्थान है, जहां से शरीर की कई नाड़ियां (नसें) जुड़ी होती हैं। इसी कारण इसे एक महत्वपूर्ण मर्म बिंदु भी कहा गया है। मान्यता है कि नाभि में तेल लगाने से शरीर की ऊर्जा संतुलित रहती है और संपूर्ण शरीर को लाभ मिल सकता है।
कहा जाता है कि नाभि में एक-दो बूंद तेल डालने से शरीर को अंदर से मजबूती मिलती है। जैसे पौधे की जड़ों में पानी देने से पूरा पौधा हरा-भरा रहता है, वैसे ही नाभि में तेल लगाने से शरीर के विभिन्न अंगों तक पोषण पहुंचने की बात आयुर्वेद में कही गई है।
आयुर्वेद में नाभि को मणिपुर चक्र से जोड़ा जाता है, जो पाचन तंत्र और ऊर्जा से संबंधित माना जाता है। नियमित रूप से नाभि में तेल लगाने से पाचन बेहतर होने, शरीर में ऊर्जा बढ़ने और त्वचा में निखार आने की मान्यता है। कुछ लोग इसे आंखों की रोशनी और मानसिक शांति से भी जोड़ते हैं।
घी या नारियल तेल - त्वचा को मुलायम रखने और झुर्रियों की समस्या कम करने में सहायक माना जाता है।
सरसों का तेल - पाचन तंत्र को बेहतर रखने में मददगार बताया जाता है।
नारियल तेल - नींद में सुधार और त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए उपयोग किया जाता है।
नाभि में तेल लगाना एक पारंपरिक घरेलू उपाय है, लेकिन यह किसी चिकित्सकीय उपचार का विकल्प नहीं है। यदि कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है या त्वचा से जुड़ी परेशानी हो, तो डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
यह आसान-सा उपाय आज की तनावपूर्ण दिनचर्या में शरीर और मन को संतुलन देने में सहायक माना जाता है, लेकिन इसे अपनाने से पहले अपनी सेहत को ध्यान में रखना जरूरी है।