
लाइफस्टाइल डेस्क। मोतियाबिंद यानी आंख की पुतली के पीछे मौजूद पारदर्शी लेंस पर धुंधली परत जम जाना। यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ती है और समय पर इलाज न होने पर अंधेपन का कारण बन सकती है। अच्छी बात यह है कि शुरुआती संकेत पहचान लिए जाएं, तो सही उपचार से नजर पूरी तरह लौट सकती है। आइए जानते हैं मोतियाबिंद के शुरुआती 5 लक्षण।
चीजें साफ न दिखना, धुंध या कोहरे जैसा नजर आना या एक वस्तु दो दिखाई देना मोतियाबिंद का पहला संकेत हो सकता है। अगर चश्मे का नंबर बार-बार बदलवाना पड़ रहा है, तो सतर्क हो जाएं।
रात में गाड़ी चलाते समय सामने की लाइट बहुत तेज और फैली हुई लगे, या उसके चारों ओर घेरा (हेलो) दिखे, तो यह चेतावनी हो सकती है। कम रोशनी में पढ़ने में परेशानी भी संकेत है।
मोतियाबिंद बढ़ने पर सफेद रंग पीला सा दिखने लगता है और रंगों की चमक कम हो जाती है। कपड़े चुनते या रंग पहचानने में फर्क साफ महसूस होता है।
धूप या तेज बल्ब की रोशनी में आंखों में चुभन, जलन या पानी आना भी शुरुआती लक्षणों में शामिल है। कई लोगों को लाइट के चारों ओर इंद्रधनुष जैसा घेरा दिखता है।
कभी-कभी बिना चश्मे के पास की चीजें साफ दिखने लगती हैं और कुछ समय बाद फिर दिक्कत शुरू हो जाती है। नजर का यह अस्थिर होना भी मोतियाबिंद का संकेत हो सकता है।
ऐसे किसी भी लक्षण पर आंखों के डॉक्टर से जांच कराएं। शुरुआती अवस्था में इलाज आसान और प्रभावी होता है।
नोट - यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी लक्षण या उपचार से पहले नेत्र विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।