हेल्थ डेस्क, इंदौर: इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप चल रहा है। औसतन हर दूसरे घर में वायरस के हमले से कोई न कोई बीमार पड़ रहा है। इसका सबसे ज्यादा शिकार बच्चे व बुजुर्ग हो रहे हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग स्व चिकित्सा (सेल्फ मेडिकेशन) कर रहे हैं। साथ में सोने पे सुहागा यह है कि ज्यादातर मेडिकल स्टोर के फार्मासिस्ट खुद ही डॉक्टर बनकर दवा लेने आने वालों को गैर जरूरी सलाह देकर दवा दे रहे हैं।
इसमें भी हर किसी को एंटी बायोटिक दवाएं दे रहे हैं, जो खतरनाक साबित हो रहा है। क्योंकि बिना डॉक्टरी सलाह ज्यादा एंटी बायोटिक दवाओं का सेवन सही नहीं होता है और एक समय के बाद ये दवाएं असर करना बंद कर देती हैं। चिकित्सकों का हमेशा से कहना रहता है कि मौसमी बीमारियों से संक्रमित होने पर हमेशा दवा लेना ठीक नहीं होता है। ज्यादातर मामलों में पर्याप्त रेस्ट लेने से इस तरह की बीमारियां दो से तीन दिनों में खुद-बखुद ठीक हो जाती हैं। यदि ठीक नहीं होता है, तो फिर चिकित्सक से सलाह लेकर दवाओं का सेवन करना चाहिए।
लेकिन यहां पर लोग लापरवाही कर जाते हैं और इसका फायदा मेडिकल स्टोर के संचालक उठाते हैं। क्योंकि डॉक्टर के बजाए मरीज दवा लेने के लिए मेडिकल स्टोर पहुंच जाते हैं और स्टोर का संचालक खुद ही सलाह और दवाएं देने लगता है। इसमें भी एंटी बायोटिक दवाओं की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में कुछ तो ठीक हो जाते हैं, लेकिन ज्यादातर बीमार ही रहते हैं और देर सबेर डॉक्टर का दरवाजा खटखटाते हैं।
इन सबके बीच सेल्फ मेडिकेशन की प्रवृत्ति उसके बाद मेडिकल स्टोर के संचालक का झोलाछाप बनकर दवाएं देना कई बार घातक साबित होता है, इसी वजह से डाक्टर भी कहते हैं कि सेल्फ मेडिकेशन और दवा बेचने की लालच में मेडिकल स्टोर द्वारा कुछ भी दवाएं दे देना पूरी तरह से गलत है।
ज्यादा एंटी बायोटिक दवाएं नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि इससे एंटी बायोटिक प्रतिरोध विकसित हो सकता है। इससे भविष्य में संक्रमणों का इलाज करना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, एंटी बायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग से अन्य दुष्प्रभाव जैसे पेट खराब होना, दस्त, और एलर्जी आदि भी हो सकते हैं।
यह भी देखने को मिला है कि लोग किसी बीमारी को लेकर डाक्टर को दिखाते हैं और डाक्टर उन्हें दवा देते हैं।ठीक इसी तरह कुछ समय बाद बीमार होने पर और उसी तरह के लक्षण होने पर फिर से उसी पर्ची के हिसाब से दवा ले लेते हैं, जो गलत है। क्योंकि कई तरह के वायरस हमला करते हैं, जिनके लक्षण वैसे ही होते हैं। ऐसे में पुरानी दवा काम नहीं करती है। इसलिए हर बार तबीयत बिगड़ने पर डाक्टर से सलाह व उनके हिसाब से लिखी दवा लेनी चाहिए।
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मौजूदा स्थिति में मौसमी बीमारियों में लोग सर्दी, बुखार, खांसी, कमजोरी, बदन दर्द, आंखे लाल हो जाना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे खासतौर से इन मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। वही बुजुर्ग भी लापरवाही की दशा में बीमार पड़ जा रहे हैं। इन्हें ठीक होने में सप्ताह से दस दिन तक का समय लग जा रहा है।
सिम्स बिलासपुर के विशेषज्ञ डॉ. लखन सिंह का कहना है कि बीमारियों में लगातार एंटी बायोटिक दवाओं का सेवन करना गलत है। कुछ भी बीमारी हो मेडिकल स्टोर के संचालक हर बार एंटी बायोटिक दवा दे देते हैं। एक तरह से यह मरीज के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने के बराबर है। इसी लिए सेल्फ मेडीकेशन और मेडिकल स्टोर के संचालकों द्वारा दवा देना पूरी तरह से गलत है। क्योंकि एक समय के बाद एंटी बायोटिक दवा काम नहीं करती।