नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। आज की तेज रफ्तार जिंदगी में स्ट्रेस एक आम समस्या बन चुकी है। काम का दबाव, पढ़ाई का तनाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां और बदलती लाइफस्टाइल के कारण ग्वालियर में युवा और कामकाजी लोग मानसिक दबाव से जूझ रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि यदि तनाव लंबे समय तक बना रहे तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है। गैस्ट्रोएंटेरोलाजिस्ट डॉ. मयंक माहेश्वरी ने बताया कि मैग्नीशियम की कमी तनाव को और बढ़ा देती है, जिससे यह एक दुष्चक्र का रूप ले लेता है।
कम मैग्नीशियम स्तर से तनाव बढ़ता है और लगातार तनाव से शरीर में मैग्नीशियम की कमी और तेज हो जाती है। ऐसे में न तो शरीर तनाव से उबर पाता है और न ही खनिज की कमी पूरी हो पाती है। इस चक्र को तोड़ने के लिए जरूरी है कि लोग अपने भोजन में मैग्नीशियम युक्त चीजें शामिल करें।
जेएएच और निजी अस्पतालों के रिकार्ड बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में सिरदर्द, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन और मांसपेशियों में खिंचाव जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। कई मामलों में जांच में मैग्नीशियम की कमी पाई गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रोसेस्ड फूड का बढ़ता चलन भी इस कमी की एक वजह है क्योंकि इनमें मैग्नीशियम कम होता है।
डॉक्टर सलाह देते हैं कि लोग अपने दैनिक आहार में इन चीजों को शामिल करें, साथ ही योग, ध्यान और नियमित व्यायाम से तनाव को कम करने का प्रयास करें। यह न केवल मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा, बल्कि शरीर के मैग्नीशियम स्तर को भी संतुलित रखेगा। सही खानपान और जीवनशैली में बदलाव करके लोग इस दुष्चक्र से बाहर निकल सकते हैं और तनाव को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं।
1. पत्तेदार हरी सब्जियां (पालक, मेथी, चौलाई)
2. नट्स (बादाम, काजू, ब्राजील नट्स)
3. फल (एवोकाडो, केला, पपीता)
4. लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स
5. सीड्स (फ्लैक्स सीड, चिया सीड, कद्दू के बीज)
6. साबुत अनाज से बने ब्रेड और सीरियल्स