
लाइफस्टाइल डेस्क। आजकल के बिजी लाइफस्टाइल में ब्रेड-बटर या सैंडविच सबसे सुविधाजनक और जल्दी बनने वाले नाश्ते हैं। समय बचाने के चक्कर में स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर ऑफिस जाने वाले बड़ों तक, हर कोई ब्रेड का सहारा ले रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोज सुबह खाई जाने वाली यह व्हाइट ब्रेड आपकी सेहत के लिए एक 'स्लो पॉइजन' की तरह काम कर रही है।
मैदा से बनी व्हाइट ब्रेड में पोषक तत्व ना के बराबर होते हैं। यदि आप भी रेगुलरली इसका सेवन कर रहे हैं, तो इसके इन 5 गंभीर नुकसानों को समझना बेहद जरूरी है।
व्हाइट ब्रेड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) बहुत ज्यादा होता है। इसे खाते ही खून में ग्लूकोज का लेवल तेजी से बढ़ता है, जिससे इंसुलिन का संतुलन बिगड़ सकता है। लंबे समय तक इसका सेवन आपको टाइप-2 डायबिटीज का मरीज बना सकता है।
ब्रेड में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जबकि फाइबर बिल्कुल नहीं होता। फाइबर की कमी के कारण इसे खाने के बाद पेट भरा हुआ महसूस नहीं होता, जिससे आप 'ओवरईटिंग' करने लगते हैं और शरीर पर चर्बी जमा होने लगती है।
मैदा पेट की आंतों में चिपक जाता है। फाइबर रहित होने के कारण ब्रेड को पचाना शरीर के लिए एक कठिन चुनौती है। रोजाना ब्रेड खाने से कब्ज (Constipation), गैस और पेट फूलने जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं।
ब्रेड बनाने की रिफाइनिंग प्रक्रिया में गेहूं के सभी प्राकृतिक गुण नष्ट हो जाते हैं। इसमें विटामिन और मिनरल्स की भारी कमी होती है। इसे खाना केवल 'खाली कैलोरी' लेने जैसा है, जो शरीर को एनर्जी देने के बजाय सुस्ती और कमजोरी देता है।
ब्रेड को लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए इसमें प्रिजर्वेटिव्स और ज्यादा सोडियम (नमक) मिलाया जाता है। सोडियम की अधिकता से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जो भविष्य में दिल की बीमारियों का बड़ा कारण बनता है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।