
लाइफस्टाइल डेस्क। आपने अक्सर देखा होगा कि पूरा सेब लाल या हरा चमकदार रहता है, लेकिन जैसे ही उसे काटा जाता है, थोड़ी देर बाद उसका कटा हुआ हिस्सा पीला या भूरा होने लगता है। कई लोग इसे सेब के खराब होने की निशानी मान लेते हैं, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। इसके पीछे एक खास वैज्ञानिक वजह छिपी है।
सेब में पॉलीफेनॉल ऑक्सीडेज (PPO) नाम का एक एंजाइम पाया जाता है। जब तक सेब साबुत रहता है, तब तक यह एंजाइम हवा के संपर्क में नहीं आता। लेकिन जैसे ही सेब काटा जाता है, उसकी कोशिकाएं टूट जाती हैं और यह एंजाइम ऑक्सीजन से मिल जाता है।
एंजाइम और ऑक्सीजन के मिलते ही एक रासायनिक प्रक्रिया शुरू होती है, जिसे एंजाइमेटिक ब्राउनिंग कहा जाता है। इस दौरान सेब में मौजूद प्राकृतिक रसायन ऑक्सीजन के साथ मिलकर भूरे रंग के यौगिक बना लेते हैं। यही वजह है कि सेब का कटा हुआ हिस्सा पीला-भूरा दिखने लगता है। यही प्रक्रिया केला, नाशपाती और आलू में भी देखने को मिलती है।
सेब का भूरा होना सिर्फ रंग में बदलाव है, इससे सेब खराब नहीं होता। पोषण लगभग वैसा ही रहता है, हालांकि स्वाद में हल्का सा फर्क आ सकता है। इसलिए केवल रंग बदलने की वजह से सेब फेंकने की जरूरत नहीं है।
सेब पर थोड़ा सा शहद लगाने से भी उसका रंग जल्दी नहीं बदलता। इसके अलावा, कटे हुए सेब को एयरटाइट डिब्बे में फ्रिज में रखने से यह प्रक्रिया काफी हद तक धीमी हो जाती है।
सेब के पीलेपन की असली वजह एंजाइम और ऑक्सीजन का आपसी संपर्क है। हालांकि रंग बदलने के बावजूद सेब में मौजूद पोषक तत्व शरीर के लिए फायदेमंद रहते हैं, इसलिए इसे अपनी डेली डाइट में जरूर शामिल करें।
नोट - यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।