
धर्म डेस्क। योग में सूर्य नमस्कार को संपूर्ण स्वास्थ्य का मंत्र माना जाता है। यह सिर्फ एक योगासन नहीं, बल्कि 12 आसनों का ऐसा क्रम है जो शरीर, मन और ऊर्जा तीनों पर गहरा असर डालता है। रोजाना सुबह सूर्य को नमस्कार करते हुए इसे करने से शरीर में नई ताकत आती है और कई बीमारियों से बचाव होता है।
सूर्य नमस्कार में 12 योगासनों का समूह शामिल होता है, जैसे प्रणाम आसन, हस्त उत्थान आसन, पदहस्तासन, अश्व संचालन आसन, भुजंगासन और पर्वतासन। इन्हें सांस के सही तालमेल के साथ किया जाता है। इसे सुबह खाली पेट करना सबसे लाभकारी माना जाता है। शुरुआत में 5 से 10 राउंड से शुरू कर धीरे-धीरे संख्या बढ़ाई जा सकती है।
सूर्य नमस्कार बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सभी के लिए लाभकारी है। यह न सिर्फ फिटनेस बढ़ाता है, बल्कि उम्र बढ़ने के साथ होने वाली कई समस्याओं से भी बचाव करता है।
पूरे शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं
लचीलापन बढ़ता है और वजन नियंत्रित रहता है
पाचन तंत्र बेहतर होता है, कब्ज से राहत मिलती है
हृदय और फेफड़े मजबूत होते हैं
रक्त संचार सुधरता है, जिससे त्वचा में निखार आता है
हड्डियां और जोड़ लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं
सूर्य नमस्कार तनाव और चिंता को कम करता है। इससे नींद बेहतर होती है, मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है। नियमित अभ्यास से मानसिक थकान दूर होती है और सकारात्मक सोच विकसित होती है।
नियमित सूर्य नमस्कार से मोटापा, डायबिटीज, पीठ और कमर दर्द, अनिद्रा, तनाव, पाचन संबंधी समस्याओं में राहत मिल सकती है। साथ ही यह इम्यूनिटी बढ़ाने में भी सहायक है।
सूर्य नमस्कार को हमेशा धीरे-धीरे और सही सांस के साथ करें। शुरुआत सीधे खड़े होकर हाथ जोड़ने से होती है और अंत में उसी स्थिति में वापस आते हैं। हर आसन में सांस का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।
नोट - यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी योगाभ्यास को शुरू करने से पहले विशेषज्ञ या योग प्रशिक्षक की सलाह अवश्य लें।