लाइफस्टाइल डेस्क। आए दिन समय के साथ फैशन में बदलाव होता रहता है। पहले के जमाने के पहनावे और अभी में काफी कुछ बदल गया है। कई बार ये देखने को मिलता है कि पुराने समय की ड्रेसेस ही वापस से ट्रेंडिंग में आ जाती है। हालांकि, एक चीज जो पहले से लेकर अभी तक कॉमन है, वो है महिलाओं की ब्रा और पेंटी के आगे बना बो। ये क्यों बना रहता है और इसकी क्या जरुरत है, इसके बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होगी।
अक्सर हम इन्हें एक क्यूट एक्सेसरी मानकर इग्नोर मार देते हैं। लेकिन इसकी सच्चाई कुछ ज्यादा ही दिलचस्प है। ये रिबन सिर्फ फैशन का हिस्सा नहीं, बल्कि इतिहास, परंपरा और स्मार्ट डिजाइन का मेल हैं। आइए हम बताते हैं क्या है इसके पीछे का राज...
ब्रा को 17वीं सदी से ही प्रचलन में लाया गया था और उसके पहले कॉर्सेट्स बनते थे। 16वीं सदी के बाद लेदर कॉर्सेट्स सामने आए और उन्हें ही मॉर्डन ब्रा से जोड़कर देखा जाता है। कॉर्सेट में एक पीस होता था जिसे बस्क कहते थे और वो व्हेल की हड्डी से बना होता था। इसी की मदद से कॉसेंट को बांधा जाता था।
इसके पीछे एक और कहानी बताई जाती है। 19वीं और 20वीं सदी की शुरुआत में जब ब्रा में हुक्स और इलास्टिक नहीं लगी होती थी तो महिलाओं को ब्रा को सामने से बांधना पड़ता था। उस समय ब्रा के बीच में एक छोटा सा रिबन या बो लगाया जाता था, जिससे यह पता चल सके कि ब्रा का बीच का हिस्सा कहां है, इससे पहनने में आसानी होती थी।
इसके अलावा एक कारण ये भी है कि पुराने जामने में बिजली नहीं हुआ करती थी। लोग मोमबत्ती या लालटेन जलाकर इन्हें पहनते थे। ऐसे में बो या रिबन लगे होने से इनका उल्टा सीधा पहचानने में आसानी होती थी। हालांकि ये अब फैशन स्टेटमेंट बनता जा रहा है।
इसके ब्रा में लगे होने का एक और कारण है। इसे इसलिए ब्रा में छोड़ दिया गया क्योंकि ये ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस का सिंबल है। ब्रा के साथ-साथ पैंटी में भी Bow को लगाया जाता है और यहां भी उसका कारण सेम ही है। शुरुआती दौर में पैंटी को धागे से बांधा जाता था जिसमें बो जैसा शेप बनकर आता था।