लाइफस्टाइल डेस्क। हल्दी की ऐसी रस्म है, जो विवाह से पहले निभाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस रस्म (Pre-wedding Rituals) को न करने से शादी अधूरी रहती है। इसलिए इस रस्म को विधिपूर्वक किया जाता है। इस रस्म के लिए एक समारोह आयोजन किया जाता है, जिसमें घर, परिवार और पड़ोस के लोग शामिल होते हैं और लड़का एवं लड़की के शरीर पर हल्दी लगाते हैं। क्या आप जानते हैं कि विवाह से पहले लड़का और लड़की को हल्दी क्यों लगाई जाती है? अगर नहीं, तो आइए जानते हैं इस आर्टिकल में इस खास रस्म की वजह के बारे में।
हिन्दू धर्म में हल्दी को पवित्र माना जाता है और इसे पूजा-पाठ में शामिल किया जाता है। शादी से पहले लकड़ा और लड़की को पवित्र बनाने के उन्हें हल्दी लगाई जाती है, जिसे हल्दी की रस्म कहा जाता है। इस रस्म को इसलिए किया जाता है कि दूल्हा-दुल्हन के जीवन में खुशियों का आगमन हों और नकारात्मक ऊर्जा उनसे सदैव दूर रहे।
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इसके अलावा जगत के पालनहार भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है और इस रंग को पीले रंग को सुख-समृद्धि, बृहस्पति देव और भगवान विष्णु से जोड़कर देखा जाता है। इसी वजह से इस रस्म में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। मान्यता है कि हल्दी की रस्म को करने से दूल्हा और दुल्हन को भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति आशीर्वाद देते हैं। सनातन धर्म में हल्दी को सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। इस वजह से भी लकड़ा और लकड़ी को नजर से बचाव के लिए हल्दी लगाने का विधान है। साथ ही हल्दी की शुभता और इसका रंग जोड़े के जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
सनातन शास्त्रों में अग्नि का विशेष महत्व का उल्लेख देखने को मिलता है। अग्नि में केसरिया, पीला और लाल होता है। हवन के दौरान अग्नि को कुंड में जलाया जाता है और पीले रंग को उष्मा और ताप से जोड़कर देखा जाता है। इस रंग को दूल्हा और दुल्हन के नए जीवन में उल्लास और प्रेम प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता है। इसलिए वर-वधु को विवाह से पहले हल्दी लगाकर उनके अंदर की उष्मा को जागृत किया जाता है और नए जीवन की शुरुआत के लिए तैयार किया जाता है।