ठंड में वर्कआउट करते समय बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा, जानें बचाव के जरूरी नियम
Winter Workout Tips: सर्दियों में फिट रहने के लिए वर्कआउट जरूरी है, लेकिन ठंड के मौसम में लापरवाही भारी पड़ सकती है। कम तापमान के कारण मांसपेशियों में ...और पढ़ें
Publish Date: Fri, 19 Dec 2025 06:51:29 AM (IST)Updated Date: Fri, 19 Dec 2025 06:51:29 AM (IST)
ठंड में जिम या रनिंग से पहले ये हेल्थ टिप्स जानना बेहद जरूरीHighLights
- ठंड में नसों की सिकुड़न बढ़ाती है जोखिम
- मांसपेशियों में अकड़न से चोट का खतरा
- वार्म-अप और लेयरिंग बेहद जरूरी
लाइफस्टाइल डेस्क: सर्दियों के मौसम में वर्कआउट करना फायदेमंद होने के साथ कुछ मामलों में जोखिम भरा भी हो सकता है। ठंड के दौरान शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए हृदय को सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस कारण व्यायाम करते समय चोट, मांसपेशियों में खिंचाव और हार्ट से जुड़ी परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सही सावधानियां अपनाई जाएं, तो इन जोखिमों से काफी हद तक बचा जा सकता है।
ठंड में मांसपेशियों पर क्या असर पड़ता है
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अत्यधिक ठंड में शरीर हाथ-पैरों से रक्त को अंदरूनी अंगों की ओर भेज देता है, ताकि जरूरी अंग गर्म रह सकें। इससे मांसपेशियों और जोड़ों में अकड़न आ जाती है। ऊतक सख्त होने से खिंचाव या चोट लगने की आशंका बढ़ जाती है। अचानक कूदने या तेज मूवमेंट से हैमस्ट्रिंग जैसी मांसपेशियों को झटका लग सकता है।
कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर ठंड का प्रभाव
ठंड के कारण नसों में सिकुड़न आती है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। शरीर में रक्तसंचार बनाए रखने के लिए हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। जिन लोगों को पहले से हार्ट या वैस्कुलर संबंधी समस्या रही है, उन्हें सर्दियों में डॉक्टर की सलाह लेकर ही वर्कआउट रूटीन तय करना चाहिए, क्योंकि इस मौसम में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
सुरक्षित रहने के लिए जरूरी उपाय
- गर्म कपड़े पहनें: सही लेयरिंग से मांसपेशियां लचीली रहती हैं। पसीना सोखने वाली बेस लेयर पहनें और कॉटन कपड़ों से बचें। सिर और पैरों को ढककर रखें।
- पर्याप्त पानी पिएं: सर्दी में प्यास कम लगती है, लेकिन शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है। इससे हृदय और मांसपेशियों पर दबाव बढ़ता है।
- वार्म-अप जरूर करें: वर्कआउट से पहले डायनेमिक वार्म-अप करें। घर के अंदर हल्की गतिविधियों से शुरुआत करें और धीरे-धीरे गति बढ़ाएं।
- अपनी क्षमता पहचानें: परिचित रास्ते और तय लक्ष्य के साथ व्यायाम करें। किसी भी तरह की असहजता होने पर डॉक्टर से परामर्श लें।