
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। दीपावली खाने-पीने और देर रात तक चलने वाले उत्सव का समय है। इस दौरान मिठाइयां, नमकीन और तले-भुने पकवान हर जगह मौजूद रहते हैं। ऐसे में कोई भी डाइट प्लान बनाना आसान नहीं होता और लगातार भारी खाने से शरीर पर असर पड़ता है। थकान, अपच और पाचन संबंधी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे में लोग अपने शरीर को थोड़ी राहत देने का प्लान बना उसे डिटॉक्स करने की तरफ बढ़े हैं।
डिटॉक्स सिर्फ वजन घटाने के लिए नहीं, बल्कि पाचन तंत्र को संतुलित करने, स्किन निखारने और ऊर्जा वापस पाने का एक तरीका है। लोग एक्सपर्ट्स से सलाह लेकर डिटाक्सिफिकेशन करने में लगे हैं। डायटीशियन और चिकित्सक ने भी डिटाक्सिफिकेशन को लेकर जानकारी दी है।
त्योहारों में शरीर को जरूरत से ज्यादा नमक, शक्कर और तेल मिलता है, जिससे टॉक्सिंस जमा हो जाते हैं। ये टॉक्सिंस सुस्ती, पेट फूलना और वजन बढ़ने का कारण बनते हैं। डिटॉक्सिफिकेशन शरीर से इन टॉक्सिंस को निकालकर पाचन तंत्र को संतुलित करता है, स्किन में निखार लाता है और ऊर्जा वापस लौटाता है।
जब शरीर साफ और ऊर्जावान होता है, तो त्योहारों का मजा बिना थकान और पाचन की परेशानी के लिया जा सकता है। दीपावली के बाद यही सही समय है शरीर को डिटॉक्स और रीजुवनेट करने का। सीमा राणा, डायटीशियन
काम की व्यस्तता में पानी कम पीते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन हो जाता है। इस समय उबली सब्जियां, फल और सलाद खाएं। तीन से चार दिन में शरीर साफ हो जाएगा और फिर से ऊर्जा महसूस होगी। डा. नीतेश मुदगल, मेडिसिन विशेषज्ञ