कवर्धा। कवर्धा में बंद और धरना प्रदर्शन के बाद हुए हिंसात्मक हमले के मामले में पुलिस अब कड़ा रुख अपना लिया है। मंगलवार को हुए पूरे गतिविधि को लेकर पुलिस की लोकल इंटिलेजेंसी भी लगी हुई है। बताया जा रहा है कि इस दंगे में जिले के ही ग्रामीण क्षेत्र के कई युवा भी शामिल हुए थे। ऐसे में वे युवा भी राडार में हैं। क्योंकि पुलिस ने ऐसे युवाओं के मोटरसाइकिल को भी ट्रैस किया है। इनके मोटरसाइकिल शहर के आऊटर हिस्से में दिखाई दिए थे। पुलिस ने इसकी फोटो लेकर अपने पास रख ली है। बताया जाता है कि इन मोटरसाइिकल चालकों के खिलाफ कार्रवाई होना तय है। इधर पुलिस के कड़े रुख को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र के आने वाले कई युवा भाग निकले। इसके अलावा वे दूसरे जगह भाग गए हैं। दूसरी ओर पकड़े गए आरोपितों को जमानत की संभावना न के बराबर है। आमतौर पर ऐसे मामले में कोर्ट जमानत का लाभ नहीं देती। इस दंगा में शामिल लोगों को आने वाले समय में काफी दिक्कत होगी।
देर शाम को पहुंचे डीजीपी, लिया हालात का जायजा
डीजीपी डीएम अवस्थी और आई इंटेलिजेंस आनंद छाबड़ा मंगलवार देर शाम कवर्धा पहुंच गए थे। उन्होंने यहां देर रात तक हालात की समीक्षा की। इससे पहले तीन दिन से दुर्ग रेंज के आइजी और एडीजी विवेकानंद सिन्हा कवर्धा में ही कानून व्यवस्था को संभाल रहे हैं। दुर्ग एसएसपी बद्री नारायण मीणा, कवर्धा एसपी मोहित गर्ग, कमांडेंट डा. लाल उमेंद सिंह समेत कई एसपी व एएसपी भी कवर्धा में डटे हुए हैं। बताया जाता है कि शहर के आऊटर क्षेत्र में पुलिस ने कुछ जगहों से धारदार हथियार बरामद किया है।
इस तरह समझिए विवाद कैसे शुरू हुआ
एक से दो अक्टूबर को झंडे लगाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और समझौता करा दिया। तीन अक्टूबर को अपरान्ह करीब 11 बजे दोनों पक्षों ने एक दूसरे के झंडे को निकाल दिया। इसके बाद माहौल तनावपूर्ण हुआ, फिर भी पुलिस ने 12 बजे तक कोई कार्रवाई नहीं की। दोपहर दो बजे थाना में कुछ लोग पहुंच गए। इस दौरान विवाद और भी बढ़ गया। शाम करीब 6 बजे धरना दिया गया। मौके पर आइजी पहुंचे, लेकिन वे शांत नहीं करा सके। देर शाम प्रशासन ने धारा 144 लागू किया, जो वर्तमान में जारी है। चार अक्टूबर को कवर्धा बंद रहा। दोपहर एक बजे शांति समिति की बैठक हुई, जिसमें सभी समाज के लोगों ने शांति बनाने अपील की।