रायपुर। अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे मंतूराम पवार के मैदान छोड़ने के बाद गरमाई प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में उस वक्त भी बड़ा उबाल आया था जब यह चुनाव बिना कांग्रेस प्रत्याशी के हुआ था। मंतूराम की नाम वापसी से प्रदेश कांग्रेस की जमकर किरकिरी हुई थी। इसके साथ ही गुटों में बंटी प्रदेश कांग्रेस में जमकर तलवारें खिंची थी।
जाहिर तौर पर यह विवाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल गुट के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया था। इस मामले में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस प्रत्याशी को धन का प्रलोभन देकर चुनाव मैदान से हटाया गया है। इस मामले में जोगी गुट शुरू से ही निशाने पर था। आरोप-प्रत्यारोप के बीच कुछ महीने तक मामला शांत रहा लेकिन अंदर ही अंदर राजनीति कई करवटें बदलती रही।
दिसंबर के अंत में एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया कि मंतूराम को मैदान से हटाने के लिए पैसों का लेनदेन किया गया। इस आरोप में कांग्रेस विधायक अमित जोगी और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी कार्रवाई के निशाने पर आए और आखिर पर दोनों नेताओं पर कार्रवाई का शिकंजा कस गया। एक नजर अंतागढ़ टेपकांड के समूचे घटनाक्रम पर
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29 सितंबर 2014- अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस से प्रत्याशी रहे मंतूराम पवार ने अपना नाम वापस ले लिया। 13 सितंबर 2014 को चुनाव में भाजपा के भोजराज नाग ने जीत हासिल की।
04 मार्च 2015- मंतूराम ने बीजेपी का दामन थामा। उन्होंने इस अपने इस कदम को कांग्रेस की गुटबाजी को वजह बताया। कांग्रेस ने उन्हें गद्दार करार दिया।
30 दिसंबर 2015- सुबह एक राष्ट्रीय अखबार ने टेपकांड के जरिए अंतागढ़ उपचुनाव की फिक्सिंग का खुलासा किया। इसमें अमित जोगी, अजीत जोगी, डॉ. पुनीत गुप्ता, फिरोज सिद्दीकी और अमीन मेनन के ऑडियो टेप को जारी किया गया। दोपहर 12 बजे भूपेश समर्थकों ने मुख्यमंत्री का पुतला जलाकर उनके दामाद पर कार्रवाई की मांग की। जोगी पिता-पुत्र के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग हुई। दोपहर बाद जोगी पिता-पुत्र और मंतूराम की तरफ से कहा गया कि टेप झूठा है और इस मामले में वो केस करेंगे। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और मंत्री राजेश मूणत से इस्तीफे की मांग की। इसी दिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अमित जोगी को नोटिस और अजीत जोगी को पत्र भेजा। मुख्यमंत्री का बयान आया कि इससे भाजपा और उनके परिवार का कोई लेना-देना नहीं। इसी दिन भारत निर्वाचन आयोग ने इस मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को खत लिखकर रिपोर्ट मांगी।
31 दिसंबर 2015- राज्य के 11 नगरीय निकायों के परिणाम आए, जिसमें कांग्रेस ने रिकार्डतोड़ जीत हासिल की। इसी बीच कांग्रेस ने जीत को आधार बनाते हुए टेपकांड से जोड़ा और सरकार के खिलाफ जमकर प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस ने दो कथित गद्दार के नाम का पुतला जलाकर विरोध किया। राजनीतिक हलचल तेज हो गई और जोगी पिता-पुत्र ने इस मामले में अखबार के खिलाफ कार्रवाई की बात करते हुए उन्हें नोटिस जारी किया।
2 जनवरी 2016- अमित जोगी ने बिलासपुर में प्रेस कांफ्रेंस लिया। कहा कि फिरोज सिद्दीकी ब्लैकमेलर है। बीबी नाम से ब्लैकमेल करता था। यह भी कहा कि मेरा टेपकांड से कोई लेनादेना नहीं।
3 जनवरी 2016- अजीत जोगी ने भूपेश बघेल पर तीन मुकदमा करने के लिए सोनिया गांधी से मांगी अनुमति।
4 जनवरी 2016- खुलासा करने वाले अखबार ने अजीत जोगी का बयान छापा, जिसमें इस टेप को गलत बताने की बात कही गई। इसके छपते ही अजीत जोगी ने पीसीसी को जवाब भेजकर अखबार, संपादक और रिपोर्टर के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर किया। एनसीपी नेता सतीश जग्गी ने जग्गी हत्याकांड से टेपकांड के तार जोड़े और मीडिया के जरिए फिरोज सिद्दीकी से इस मामले में शिकायत के लिए मदद मांगी। मुख्यमंत्री ने इस दिन कहा था कि कांग्रेस का पता नहीं कितने और टेप जारी होंगे। उन्होंने फिर भाजपा और परिवार का किया था बचाव।
5 जनवरी 2016- प्रदेश कांग्रेस को अमित जोगी का सुबह जवाब मिला। दोपहर 12.30 बजे मंतूराम पवार ने प्रेस क्लब पहुंचकर यह दावा किया कि उन्हें दो कांग्रेसियों ने ऑडियो टेप बनाकर जोगी को फंसाने के लिए कहा था। उनके खुलासे के तुरंत बाद भूपेश समर्थकों ने प्रेस क्लब के बाहर उन्हें काले झंडे दिखाए। इधर, दोपहर बाद 6 जनवरी को बैठक का ऐलान हुआ। दोपहर 3.30 बजे जोगी समर्थक संजीव अग्रवाल ने गंज थाना पहुंचकर फिरोज सिद्दीकी का एक नया टेप जारी कर यह सनसनी फैला दी कि फिरोज ने अमित जोगी-पुनीत गुप्ता के बीच बातचीत को अंतागढ़ उपचुनाव से संबंधित नहीं बताया। इसकी पुलिस ने जांच शुरू की। शाम 6 बजे अजीत जोगी अचानक अस्पताल में भर्ती हो गए। फिर रात 8 बजे जोगी बंगले में जोगी समर्थक इकट्ठे हुए और जोगी पिता-पुत्र पर कार्रवाई की संभावना को लेकर नाराजगी जाहिर की।
6 जनवरी 2016- कांग्रेस के प्रदेश संगठन की 1 बजे बैठक हुई, 1.30 बजे भूपेश बघेल ने मीडिया को बताया कि- अमित जोगी को छह साल के लिए निष्कासित और अजीत जोगी के निष्कासन के लिए एआईसीसी की अनुशंसा का फैसला लिया गया है। इसके बाद कांग्रेस भवन में भूपेश समर्थकों ने पटाखे फोड़े और इधर, जोगी बंगले में अमित जोगी ने कहा- मैं दिल्ली में हाई कमान के समक्ष अपील करूंगा, कांग्रेस किसी की बपौती नहीं। शाम 7 बजे भूपेश बघेल, रेणु जोगी समेत कई नेता दिल्ली रवाना हो गए।