
नईदुनिया न्यूज, सेगांव । मुख्यालय की ग्राम पंचायत सेगांव के सरपंच की तनाशाही और उग्र स्वाभाव के कारण क्षेत्र की महिला काफी आहत है और दुखी है। इसको लेकर बुधवार को जनपद पंचायत में आवेदन देकर सरपंच पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। ग्राम पंचायत सेगांव के अंतर्गत कंचनपुरा रहवासी इलाके की ज्योति बाई, रिंकू बाई, सुमन बाई, सुनीता बाई, गौराबाई बाई सहित कई महिलाओं ने पानी की समस्या को लेकर पंचायत कार्यालय के लिए अपने घर से निकली।
रास्ते में सरपंच ग्राम पंचायत सेगांव ने महिलाओं को रोक कर उनसे पंचायत में न जाने को कहा और बताया कि वहां कोई नहीं है, सिवाय चपरासी के। तुम्हें जो कहना है कहो, जो करूंगा, मैं ही करूंगा, मैं ही तुम सब का बाप हूं। ऐसा कहकर महिलाओं का अपमान किया।

महिलाओं ने आरोप लगाया है कि सरपंच के तानाशाहीपूर्ण रवैये से हम काफी दुखी हैं। हम जब भी अपनी समस्या लेकर उनके पास जाते हैं तो सरपंच कहते हैं खरगोन चले जाओ कलेक्टर के पास, किराया-भाड़ा मैं दे दूंगा। तुमसे जो बने कर लो।
महिलाओं ने बताया कि हम पिछले दो दशक से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। भीषण गर्मी में घर से डेढ़ से दो किमी दूर पानी ला रहे हैं। हमारे घरों में आज तक नल सुविधा नहीं है और ना ही पंचायत इस पर ध्यान देती है।
सरपंच चुनाव के समय तो वोट लेने के लिए हमें बरगलाने के लिए आ जाते है। परंतु समस्या के संदर्भ में कोई ध्यान नहीं देता और जब सरपंच से बात होती है तो वह महिलाओं का अपमान कर अभद्र व्यवहार करता है। इसको लेकर हमने जनपद सीईओ को एक आवेदन पंचायत इंस्पेक्टर के माध्यम से दिया है।
हम चाहते हैं कि सरपंच पर कड़ी कार्रवाई कर पद से पृथक किया जाए। पंचायत इंस्पेक्टर रमेश यादव ने बताया कि महिलाओं ने पानी की समस्याओं को लेकर सरपंच से बात की थी। सरपंच ने उनसे अभद्र व्यवहार किया। ऐसा उन्होंने आवेदन में लिखा है। मामले को संज्ञान में लेकर जिला अधिकारियों का अवगत कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
पानी की समस्या को लेकर पंचायत सचिव नारायण चौधरी को भी फोन लगा कर दो बार बुलाया पर वह उपस्थित नहीं हुए। जल्द ही ग्रामीणों की समस्या दूर कर पंचायत सचिव को भी कारण बताओं नोटिस जारी किया जाएगा।
पानी की समस्या के लिए उक्त क्षेत्र में निरंतर प्रयास किया जा रहे हैं। दो-तीन बार बोर भी किए, लेकिन जमीन सूखी निकली। अभी भी अन्यत्र जगह से पानी के लिए हम पाइप लाइन की व्यवस्था कर रहे हैं। सभी ग्रामीण क्षेत्र के लोग और महिलाएं मेरे अपने हैं और मैं उनका सेवक हूं। अभद्र व्यवहार और अपमान करने का आरोप निराधार है। - शांतिलाल चौहान, सरपंच