जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। जबलपुर से भले ही 26 राज्यों के लिए ट्रेनें मिलती हों, लेकिन जबलपुर रेलवे स्टेशन से अभी तक पुणे और मुंबई के लिए एक भी नियमित ट्रेन शुरू नहीं हो सकी हैं। पश्चिम मध्य रेलवे जोन ने जबलपुर की सभी स्पेशल ट्रेनों को नियमित करने का प्रस्ताव ऑल इंडिया रेल ट्रैफिक की वार्षिक बैठक में रखा, लेकिन हर बार सहमति नहीं बन सकी।
हालांकि 2019 में हुई इस बैठक में जबलपुर की तीन प्रमुख स्पेशल पुणे, तिरुवनंतपुरम और बांद्रा स्पेशल को नियमित करने की सहमति बन गई। इन स्पेशल ट्रेनों को जितने भी स्टेशन और ट्रैक से गुजरना था, उनसे संबंधित सभी जोन से स्वीकृति भी दे दी, लेकिन रेलवे बोर्ड फिर भी इन ट्रेनों को नियमित करने तैयार नहीं है।
तीन ट्रेनों में सबसे ज्यादा भीड़
जानकार बताते हैं कि जबलपुर से चलने वाली 5 स्पेशल ट्रेनों में से पुणे, तिरुवनंतपुरम और सिकंदराबाद स्पेशल ट्रेन को सबसे ज्यादा यात्री मिलते हैं। जबलपुर से जाने वाली स्पेशल की तुलना में आने वाली स्पेशल के स्लीपर, एसी कोच में लंबी वेटिंग होती है। कभी-कभी तो इन ट्रेनों में वेटिंग टिकट भी नहीं मिलती। नो रूम आने लगता है। इतने ज्यादा यात्री होने की वजह से रेलवे बोर्ड हर तीन माह में इन्हें चलाने की अवधि बढ़ाता रहता है।
15 फीसदी ज्यादा किराया, होगा घाटा
पुणे, तिरुवनंतपुरम और सिकंदराबाद स्पेशल को नियमि ट्रेन करने ट्रैफिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सहमति दे दी, लेकिन अंतिम स्वीकृति के लिए जैसे ही मामला रेल बोर्ड के पास पहुंचा तो उन्होंने स्वीकृति देने से माना कर दिया।
दरअसल बोर्ड को इन स्पेशल ट्रेनों से 15 फीसदी ज्यादा किराया मिलता है। सीट फुट होने की वजह से यह आय ज्यादा होती है, लेकिन इन ट्रेनों को नियमित किया जाता है तो इनसे 15 फीसदी ज्यादा किराया नहीं वसूला जाएगा और रेलवे बोर्ड ऐसा नहीं चाहता। इसलिए बोर्ड इन ट्रेनों को नियमित नहीं करना चाहता।
जबलपुर से चलने वाली स्पेशल ट्रेन
1. जबलपुर-पुणे स्पेशल ट्रेन 6 अप्रैल 2014 में शुरू हुई
2. जबलपुर-बांद्रा स्पेशल ट्रेन 7 जनवरी 2016 में शुरू हुई
3. जबलपुर-सिकंदराबाद स्पेशल ट्रेन 11 मार्च 2017 को शुरू हुई
4. जबलपुर-अटारी स्पेशल ट्रेन 5 अप्रैल 2016 में शुरू हुई
5. जबलपुर- तिरुवनंतपुरम स्पेशल ट्रेन 5 अप्रैल 2018 में शुरू हुई
स्पेशल ट्रेनों को नियमित करने के लिए रेलवे बोर्ड ने स्वीकृति नहीं दी है। रेलवे बोर्ड को ही इन ट्रेनों को नियमित करने पर अंतिम निर्णय लेना है। प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ, पमरे