पूर्वोत्तर भारत के सूर्योपासना के चार दिनी महापर्व छठ का उल्लास शनिवार से दिखाई देगा। इसमें व्रतधारी शुद्धता रखकर कठोर नियमों का पालन करते हुए सूर्य देव और छठ मैया की आराधना करेंगे। तालाबों के साथ ही काॅलोनियों में स्थाई-अस्थाई जलकुंडों पर बजते भजनों के बीच डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने के अवसर पर आस्था का अनुपम दृश्य नजर आएगा। पर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ होगी। दूसरे दिन 26 अक्टूबर को खरना और तीसरे दिन 27 नवंबर को अस्त होते सूर्य और अंतिम दिन 28 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।