
नईदुनिया प्रतिनिधि, आलीराजपुर। आलीराजपुर के नानपुर थाना क्षेत्र में अवैध मतांतरण का मामला सामने आया है। ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने शनिवार देर शाम एक मकान पर छापा मार कार्रवाई की, जहां बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष मौजूद थे। कार्रवाई होते ही पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया और ग्रामीणों ने सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गरीब आदिवासियों के साथ ठगी की जा रही थी और कई लोगों को बीमारी ठीक करने का लालच देकर बहकाया गया। विरोध बढ़ने के साथ ही ग्रामीणों की भीड़ थाने के बाहर जमा हो गई और आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मौके से कुछ सामग्री जब्त की है, जबकि आरोपित दंपत्ति परमबाई पति तेरसिंह और तेरसिंह अवास्या (पास्टर) कार्रवाई से पहले ही फरार हो गए।
ग्राम राजावाट मंदिर फलिया निवासी जानु पति बहादुर अवास्या (35) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि आरोपित परमबाई ने उसे घर बुलाकर ईसा मसीह की प्रार्थना करने के लिए दबाव डाला। जब उसने स्वयं को हिंदू बताते हुए मना किया, तो उसे धमकाया गया कि यदि तू प्रार्थना नहीं करेगी तो मर जाएगी। प्रार्थना में नहीं बैठेगी तो जान चली जाएगी। आवेदिका ने बताया कि इससे पहले भी आरोपित दंपती उसके साथ कई बार मत परिवर्तन का दबाव बना चुके हैं।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर दोनों आरोपितों के खिलाफ धारा 196, 299, 351(3) भारतीय न्याय संहिताएवं धारा 5, मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस टीम आरोपितों की तलाश में जुटी है। पुलिस की कार्रवाई के बाद भी ग्रामीणों का विरोध थमा नहीं। सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और नानपुर थाना परिसर में विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि गरीब आदिवासियों को छलकर मत बदलवाने की यह कोशिश बेहद गंभीर है और इसके दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए।
भगत सिंह गाडरिया ने कहा कि ग्रामीण आदिवासी समाज ऐसे कृत्यों को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा। गरीबों को लालच देकर मत बदलवाना अत्यंत निंदनीय है और समाज इसके खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है। क्षेत्र में तनाव अभी भी बना हुआ है, जबकि ग्रामीणों की मांग है कि आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर कठोर कार्रवाई की जाए। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी।
घटनास्थल पर बढ़ते विरोध को देखते हुए नानपुर पुलिस ने लोगों को शांत किया और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की जांच प्राथमिकता से की जा रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।