आलीराजपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)।बारिश प्रारंभ होते ही वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही है। जिला मुख्यालय से मथवाड़ के बीच बन रहे महत्वपूर्ण मार्ग का निर्माण अब भी अधूरा है। आलीराजपुर से उमराली के बीच जगह-जगह जलजमाव हो रहा है। शहरी सीमा में रेलवे ब्रिज के नीचे भी पानी जमा हो रहा है। ब्रिज बनने के बाद से हर बारिश में यह समस्या सामने आ रही है, मगर इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गुजरात सीमा को जोड़ने वाले इस मार्ग की लंबाई करीब 57 किमी है। दिसंबर 2019 में मप्र सड़क विकास निगम ने इस मार्ग के निर्माण का जिम्मा निजी एजेंसी को सौंपा था। मार्ग का निर्माण पीपीपी मोड पर किया जा रहा है। एजेंसी ने प्रारंभ में छकतला रोड पर कार्य किया। अब उमराली से जिला मुख्यालय के बीच काम किया जा रहा है। काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। कोरोना के चलते मध्य में कुछ दिन काम ठप भी रहा। यहां करीब 12 किमी के हिस्से में डामरीकरण तो कर दिया गया है मगर मार्ग के शेष हिस्से सहित पुलियाओं का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है। ऐसे में बारिश में जलजमाव की स्थिति निर्मित हो रही है। इससे आवागमन प्रभावित हो रहा है। वाहन चालकों का कहना है कि निर्माण अधूरा होने से हादसे हो रहे हैं। बारिश के मद्देनजर तेजी से काम किया जाना था। हालांकि कार्य सुस्त गति से ही चलता रहा। निर्माण एजेंसी को अब भी इस ओर ध्यान देना चाहिए। काम गति से किया जाए तो राहगीरों की मुश्किल दूर होगी।
22एएलआई11- शहरी सीमा में रेलवे ब्रिज के नीचे इस तरह पानी जमा हो रहा है।
22एएलआई12- आलीराजपुर-मथवाड़ मार्ग पर इस तरह जलजमाव हो रहा है, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है।
22एएलआई13- मार्ग पर इस तरह वाहनों को आवागमन में परेशानी आ रही है।
क्षेत्रवासियों ने बारिश में डामरीकरण पर उठाए सवाल
बरझर से सामलाकुंड-दाहोद मार्ग पर पीडब्ल्यूडी की देखरेख में ठेकेदार द्वारा डामरीकरण किया जा रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि बारिश के बावजूद डामरीकरण किया जा रहा है, जिससे गुणवत्ता प्रभावित होना तय है। दूसरी ओर मार्ग पर निर्माण एजेंसी ने अब तक कोई बोर्ड भी नहीं लगाया है, जिससे यह पता चल सके कि मार्ग का निर्माण कितनी लागत से किन मापदंडों के तहत किया जा रहा है। मामले में लोनिवि के कार्यपालन यंत्री एमके वास्कले का कहना है कि बारिश होते ही स्वतः काम बंद हो जाएगा। वैसे 30 जून तक वर्षा नहीं होने की स्थिति में कार्य किया जाता है।
22एएलआई14- बरझर से बनाए जा रहे मार्ग पर बारिश में किया जा रहा डामरीकरण।
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