अशोकनगर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। हम होंगे कामयाब एक दिन कालजयी गीत के प्रणेता और नई कविता के अग्रणी कवि गिरिजा कुमार माथुर 22 अगस्त को उनके जन्मदिन के मौके पर अशोकनगर में खूब याद किए गए। उनके जन्मदिन के मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार एस एन सक्सेना के आवास पर एक काव्यगोष्ठी भी आयोजित की गई। जिसमें उनके जीवनव्रत पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।
22 अगस्त 1919 को अशोकनगर में जन्मे गिरजा कुमार माथुर ने छायावादी संस्कारों और प्रेमी सौंदर्य की बारीकियों से अपनी काव्ययात्रा की शुरूआत की। वह प्रगतिवाद और प्रयोगवाद के आधुनिक भावबोध, रागात्मक और ऐतिहासिक मूल्यों के कवि थे। उनकी कविताओं में सांस्कृतिक परम्परा के अलावा सौंदर्य बोध के भी दर्शन होते है। वह साहित्यकर्म के क्षेत्र में रहने के साथ आकाशवाणी दिल्ली में भी कार्यरत रहे। वह दूरदर्शन से वरिष्ठ उपमहानिर्देशक के पद से सेवानिवृत हुए थे। उन्होंने अशोकनगर के दो ग्रामों ढ़ाकोनी और दियाधरी पर लम्बी कविताएं लिखी थी। वह अंतिम बार सन 1986 में अशोकनगर तब आये थे जब उन्हें रोटरी क्लब अशोकनगर की ओर से सम्मानित किया गया था। 10 जनवरी 1994 को उनका निधन दिल्ली में हुआ था। तब एक श्रद्घांजलि सभा भी आर्य समाज भवन में आयोजित की गई थी। उन्हें उनके साहित्य के क्षेत्र में शलाका सम्मान, साहित्य अकादमी पुरूस्कार, व्यास सम्मान प्रदान किया गया था। उनकी रचनाओं में धूप के धान, मैं वक्त के सामने हूं, सीमा और संभावनाएं, 15 अगस्त, चांदनी रात, कौन थकान हरे जीवन की, खुले बालों की रात जैसी अनेक कविताएं शामिल हैं। उनका गीत ''हम होंगे कामयाब एक दिन'' अब देश की पहचान बन गया है। उनकी स्मृति में आयोजित काव्यगोष्ठी में अनेक कवियों ने शिरकत की और उनका स्मरण किया।
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फोटो229ए- गिरजा कुमार माथुर।
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