Ashoknagar Road Accident: अशोकनगर। बीती रात शहर के बायपास रोड पर सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा तब हुआ जब राजमाता चौराह से कार चालक अपने वाहन को लेकर शहर की तरफ आ रहा था। तभी कार श्रीकृष्ण संस्थान के पास सड़क पर खड़े देहात थाना पुलिस के वाहन से टकरा गई। देहात थाना के वाहन से टकराने के बाद कार अनियंत्रित होकर बायपास रोड पर बने डिवाइडर के बीच में लगे विद्युत पोल से टकराई। इस घटना में कार के परखच्चें उड़ गए और कार में सवार दो लोग घायल हो गए जिनमें से एक की घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि दूसरे युवक जो कार को चला रहा था उसको इलाज के लिए गंभीर अवस्था में भोपाल रैफर किया गया है।

जानकारी के मुताबिक शहर की लेक सिटी कालोनी निवासी पराग रघुवंशी इंदौर में पढ़ता था। बीती रात जब वह चाटर्ड बस से अशोकनगर वापस लौट रहा था तो बस स्टेंड से पहले राजमाता चौराह पर उसके दोस्त सक्षम अरोरा ने उसको बस से उतारकर अपनी क्रेटा कार जिसका नंबर एमपी 04 बी 9843 में बैठा लिया। इसके कुछ देर बाद जब वे घर की तरफ आ रहे थे तो उनका वाहन श्रीकृष्ण संस्थान के बाहर खड़े देहात थाना के पुलिस वाहन से टकरा गया। इस घटना में पुलिस का वाहन सड़क के नीचे करीब 20 फीट खंती में पलटा दिखाई दिया जबकि कार अनियंत्रित होकर दूसरी तरफ बिजली पोल से टकरा गई। इस घटना में मौके पर ही पराग रघुवंशी की मौत हो गई जबकि सक्षम गंभीर रूप से घायल हो गया जिसको इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जहां गंभीर चोट होने पर सक्षम को भोपाल रैफर किया गया है।

माता-पिता कर रहे थे भोजन का इंतजार

उल्लेखनीय है कि पराग रघुवंशी इंदौर में पढ़ता था। बीती रात जब उसकी पिता पंकज रघुवंशी से बात हुई थी तो उसने घर पर ही आकर भोजन करने की बात कही थी। ऐसे में माता मनीषा ने रात को भोजन बनाकर अपने पुत्र के लिए रखा था। रघुवंशी दंपत्ती का इकलौता बेटा होने की वजह से माता-पिता का लाड़ला पराग का दोनों की जागकर इंतजार कर रहे थे लेकिन उनको पता नहीं था कि नियति ऐसा खेल खेलने वाली है कि उनका बेटा का इंतजार अब जिंदगी भर करना पड़ेगा। जब दोनों को उनके पुत्र की दुर्घटना में मौत होने की खबर मिली तब से हालत बेहाल है। इधर पराग पूरे खजूरिया परिवार का लाड़ला था इसलिए परिवार में हर कोई इस गहरे सदमें से घटना के 18 घंटे बाद भी उबर नहीं पाया है। सभी का अपने पुत्र के अकस्मिक चले जाने पर रो-रो कर बुरा हाल है।

दोस्त नहीं आता तो टल जाती मौत

उल्लेखनीय है कि पराग जिस बस से इंदौर से आया था उसके स्टेंड की दूरी उसके घर से मात्र 200 मीटर है। ऐसे में पराग का मित्र सक्षम उसको राजमाता चौराह पर लेने आ गया और नियति को भी यहीं मंजूर था। इधर पराग के पिता को पता था कि उनका पुत्र रात 2 बजे तक आ जाएगा। लेकिन जब आधा घंटा ऊपर हुआ तो उन्होंने अपने पुत्र को फोन भी लगाया लेकिन पुत्र का फोन रिसीव नहीं हुआ।

Posted By: Nai Dunia News Network

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