नईदुनिया प्रतिनिधि, अशोकनगर। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ एफआईआर के विरोध में कांग्रेस ने मंगलवार को न्याय सत्याग्रह किया। गल्ला मंडी में हुई जनसभा में नेताओं ने इस एफआईआर को उत्पीड़न बताते हुए अधिकारियों पर सत्ताधारी दल के लिए काम करने का आरोप लगाया। सत्याग्रह के मंच से ही जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, विधायक जयवर्धन सिंह सिंह सहित प्रदेश कांग्रेस के नेताओं कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की गई। वहीं से उन्हें रिहा किए जाने की घोषणा भी हो गई।
दिग्विजय बोले, शिकायतकर्ता तीन दिन से लापता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने पुलिस को इतना घबराया हुआ कभी नहीं देखा। 50 साल की राजनीति में ऐसा केस नहीं देखा जहां पुलिस के पास कोई शिकायतकर्ता नहीं पहुंचा और एफआईआर दर्ज की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि दबंगों पर मारपीट कर मैला खिलाने की शिकायत करने वाला तीन दिन से गायब है। वे मुंगावली थाना पहुंचकर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट करेंगे।
न्याय सत्याग्रह के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अशोक नगर पहुंचने का सिलसिला सोमवार रात से ही जारी था। मंगलवार सुबह आसपास के जिलों में पुलिस ने बैरियर लगाकर कांग्रेस नेताओं को रोका। उनकी गाड़ियों की तलाशी ली, वीडियोग्राफी की। इसे लेकर कई जगह नोकझोक की नौबत आई। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को गुना हनुमान मंदिर के पास रोका गया। बाद में वे खुद खड़े होकर कांग्रेस नेताओं की गाड़ियों को आगे बढ़ाते देखे गए।
अशोक नगर के मूड़रा निवासी गजराज लोधी नाम के एक युवक ने गांव के सरपंच पर उसके साथ मारपीट कर मैला खिलाने का आरोप लगाया था। 25 जून को गजराज और उसका भाई ओरछा जाकर जीतू पटवारी से मिले। उसके बयान का एक वीडियो जीतू पटवारी ने इंटरनेट मीडिया पर साझा किया। बाद में गजराज ने कलेक्टर को एक आवेदन दिया जिसमें कहा गया कि उसे लालच देकर पटवारी ने वह वीडियो बयान दिलवाया था। इसी आधार पर पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर कांग्रेस अध्यक्ष के लिए एफआइआर दर्ज कर लिया था।