श्रवण शर्मा, बालाघाट नईदुनिया। कहते हैं जहां चाह है वहां राह। इसे सच साबित कर दिखाया है, बालाघाट की कराते खिलाड़ी निधि नन्हेट ने। बचपन में बच्चों को कराते सीखते देख उसके भी मन मे चाहत जागी और यह आगे जाकर जुनून में तब्दील हो गई। खेल देखकर जागी चाहत और बेहतर प्रशिक्षण के साथ बढ़ते जुनून से उसने कीर्तिमान रचा है। मिट्टी के मैदान में विधा सीखकर निधि ने मैट में अपना जौहर दिखाया है। मिट्टी के मैदान मे कराते सीखकर मैट में अपना जौहर दिखानी वाली निधि बताती हैं कि हौंसला देता रहा साथ तो प्रतिद्वंदी को देती रहीं मात।
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीतकर उसने न केवल बालाघाट जिले का, बल्कि प्रदेश व देश का नाम रोशन किया है। वर्ष 2014 में निधि नन्हेट को कराते के लिए एकलव्य अवार्ड मिला है। जबकि उसके खेल जीवन में विक्रम अवार्ड के साथ एक और उपलब्धि जुड़ गई है। निधि का वर्ष 2020 के लिए खेल युवा कल्याण विभाग द्वारा छह खेल विधाओं में कराते के लिए विक्रम अवार्ड में चयन किया है। बालाघाट में मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी निधि के माता-पिता ने कभी भी धन की कमी को उसके खेल की रुकावट नहीं बनने दिया। जरुरत पड़ी तो कर्ज लिया, पर बेटी को प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए बाहर भेजा। पेशे से शिक्षक निधि के पिता रामलखन नन्हेट ने बताया कि अपनी बेटी की हर जरुरत पूरी करने उन्होंने कोई कसर नहीं रखी। परिस्थितियों ने भले ही हर समय साथ न दिया हो, लेकिन सहयोगियों और निधि के आत्म-विश्वास ने उनके सपनों को साकार किया है।
अब तक मिले पुरस्कार : निधि ने 12 साल में 10 नेशनल और 12 इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर 22 मेडल हासिल किए हैं। नेशनल प्रतियोगिताओं में 10 व इंटरनेशनल प्रतियोगिता में 1 गोल्ड मेडल हासिल किया है।
फोकस पाइंट :
- वर्ष 2002-03 से निधि ने प्रशिक्षण शुरू किया।
- वर्ष 2005 से खेलना शुरू किया।
- वर्ष 2009 से नेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।
- 12 साल में 10 नेशनल प्रतियोगिताओं में भाग लिया।
- 10 साल में 12 इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।
- वर्ष 2014 एकलव्य अवार्ड मिला।
- वर्ष 2020 के लिए विक्रम अवार्ड के लिए कराते में चयन हुआ है।
- इस अवार्ड के लिए तीन साल से लगातार करती रहीं प्रयास।
मिट्टी के मैदान में सीखी विधा, मेट में दिखाया जौहर : निधि नन्हेट बताती हैं कि बालाघाट में अच्छे प्रशिक्षक और उत्साही खिलाड़ी हैं। लेकिन संसाधनों की कमी आगे बढ़ने में बाधक बनती है। बताती हैं कि जब उन्होंने पहली बार मिट्टी के मैदान में विधा सीखने के बाद जब मेट में खेला तो पैर फिसल रहे थे, लेकिन हौसले ने उनका साथ दिया, तो मात नहीं खाई।
इनका कहना है...
बालाघाट में खेलों के प्रति लोगों में बहुत उत्साह है, विभिन्न विधाओं
में खिलाड़ी नेशनल स्तर पर स्पर्धा जीत रहे हैं। बालाघाट की कराते खिलाड़ी
निधि नन्हें का विक्रम अवार्ड के लिए प्रदेश में चयन होना, निश्चित ही
गौरव की बात है।
- दीपक आर्य, कलेक्टर बालाघाट
बालाघाट में कम संसाधनों के बावजूद भी खिलाड़ी अपनी मेहनत और लगन से आगे बढ़ रहे हैं। कराते खिलाड़ी निधि नन्हेट को वर्ष 2014 में एकलव्य अवार्ड मिल चुका है। विक्रम अवार्ड उनके खेल जीवन की नहीं बालाघाट जिले के लिए भी बड़ी उपलब्धि है, प्रेरणादायी है।
- अभिषेक तिवारी, एसपी बालाघाट