नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट। बालाघाट जिले के लांजी क्षेत्र अंतर्गत डाबरी के पास बिलालकसा के घने जंगलों में मंगलवार को हुई पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने साहस और धैर्य का शानदार प्रदर्शन किया।
माओवादियों की भारी फायरिंग के बावजूद जवानों ने उनका 20 किलोमीटर तक पीछा किया। यह पहली बार हुआ है, जब इतनी लंबी दूरी तक माओवादियों का पीछा किया गया, जबकि ऐसी स्थिति में 2-3 किमी तक ही कार्रवाई की जाती है।
सूत्रों के अनुसार मलाजखंड संयुक्त टांडा एरिया कमेटी के लगभग 15-20 माओवादी जंगल में सक्रिय थे। इसकी सूचना पुलिस को दो-तीन दिन पहले ही मिल चुकी थी। इसके बाद जवानों और पुलिस बल ने योजनाबद्ध तरीके से जंगल के विभिन्न हिस्सों में अपनी टीमों को तैनात किया, ताकि माओवादियों को चारों ओर से घेरा जा सके।
सर्च ऑपरेशन के दौरान जवानों की आवाज से माओवादी सतर्क हो गए। उन्होंने तुरंत पुलिस पर 20-30 राउंड फायर किए। इसके जवाब में जवानों ने पेड़ों और पत्थरों की आड़ में मोर्चा संभाला और जवाबी फायरिंग की। करीब 20 किलोमीटर तक माओवादियों का पीछा किया गया, लेकिन वे घने जंगल का लाभ उठाकर भागने में सफल हो गए।
घटना के बाद लांजी पुलिस ने मलाजखंड टांडा समूह के सक्रिय माओवादी विकास उर्फ अनिल नगपुरे, दीपक उर्फ सुधाकर उर्फ मंगल सिंह उर्फ छोटा दीपक उर्फ मेहतर उइके, प्रेम उर्फ प्रवीण उर्फ कुमराम उर्फ रामराव उर्फ गनपत मडावी, रीता उर्फ तुब्बी श्रीरांग हिडामी, संतु उर्फ तीजूराम धर्म सिंह पोरेटी सहित कुल 20 से अधिक नामजद माओवादियों के खिलाफ पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला और फायरिंग करने का मामला दर्ज किया है।