नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट: बालाघाट जिले के माओवाद प्रभावित तहसील बिरसा के ग्राम सुरवाही गांव में स्थित एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला में सावन शुरू होते ही बच्चों और शिक्षकों द्वारा अखंड रामायण पाठ किया जाता है। इस साल भी सावन में अखंड रामायण पाठ की शुरुआत की गई है। स्कूल में यह परंपरा सावन मास में 17 सालों से चली आ रही हैं। शिक्षक, विद्यार्थी हर कोई रामायण पाठ करता है। वर्ष 2006 में पूर्व प्रधानपाठक सीएल इडपांचे द्वारा इसकी शुरुआत गांव में सुख शांति की कामना लेकर की गई थी, जो अब भी जारी है।
पूरे सावन माह अखंड रामायण पाठ जारी रहेगा। शिक्षकों ने बताया कि हर वर्ष सावन माह प्रारंभ होते ही अखंड रामायण पाठ शुरु कर देते है और इससे सभी बच्चों में उत्साह का माहौल बना रहता हैं। प्रत्येक सोमवार को अखंड रामायण पाठ करते है। यहां पर बच्चे पढ़ाई के साथ ही समय-समय पर संगीत बजाकर मनोरंजन भी करते हैं। इसके लिए स्कूल में अखंड रामायण पाठ के अलावा ढोलक, बांसुरी, मंजीरा, खंजरी, ढपली, धुमाल भी रखे हुए है। इन्हें बच्चे खुद बजा लेते है, जिससे 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस, 26 जनवरी में जोर शोर से संगीतमय गीतों की प्रस्तुति बच्चे देते है।
इसके अलावा एलईडी टीवी पर जनरल नॉलेज संबंधी कार्यक्रम भी देखते रहते है। इस स्कूल में ग्राम सुरवाही, शाखा, छोटी सुरवाही, दूधी, चिचगांव के बच्चे अध्ययनरत है और कक्षा पहली से लेकर कक्षा आठवीं तक 154 बच्चे हैं। स्कूल में इतने बच्चों पर शिक्षक भवानी तुरकर, शिक्षक रवि धुर्वे, शिक्षक ईश्वरदयाल कटरे, संध्या पटले, सहायक शिक्षक जनकलाल चौधरी और प्रधानपाठक कृष्ण कुमार पटले पदस्थ हैं। इनका कहना सावन मास में सोमवार को अखंड रामायण पाठ करते है, जिसकी शुरुआत हो गई है।
यह पाठ पूरे सावन मास भर जारी रहेगा। इसे स्कूल में पूर्व प्रधानपाठक द्वारा शुरु कराया था। बच्चों और शिक्षक द्वारा इस परंपरा को जारी रखा गया है। अखंड रामायण को लेकर बच्चे बड़े उत्साहित रहते है। जनकलाल चौधरी सहायक शिक्षक। स्कूल में हर वर्ष सावन मास में बच्चों के साथ शिक्षक अखंड रामायण प्रत्येक सोमवार को करते है। पहले सावन सोमवार को भी अखंड रामायण पाठ किया गया। स्कूल में बच्चों का जनरल नालेज बढ़ा रहे, इसलिए संगीत भी सीखाते हैं। स्कूल में अनेक वाद्य यंत्र रखे गए है जिन्हें बच्चे स्वयं बजा लेते हैं। कृष्ण कुमार पटले प्रधानपाठक, एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला सुरवाही।