बालाघाट। ब्यूरो
पुलिस जवानों की शहादत को याद करने के मौके पर एक शहीद की पत्नी रो पड़ी। उसे रंज था कि उसके पति ने नक्सली वारदात में अपनी जान गवांई लेकिन पुलिस विभाग शायद उन्हें शहीद नहीं मानती। यही वजह है कि उसे शहीद दिवस पर होने वाले समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया। टिमकीटोला में नक्सली वारदात में शहीद हुए हॉकफोर्स के जवान हरीश राहंगडाले की पत्नी सीमा इस बात से बेहद नाराज थी। वह बिना आमंत्रण पत्र मिले शहीद दिवस समारोह में तो पहुंची, लेकिन उसने इस मौके पर सम्मान नहीं कराया।
एसपी व जनप्रतिनिधियों को बताई अपनी पीड़ा
शहीद की पत्नी सीमा ने पुलिस अधीक्षक अमित सांघी समेत अन्य जनप्रतिनिधियों के सामने रो-रोकर अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि बालाघाट पुलिस उसके पति को शहीद नहीं मानती या सीमा को शहीद की पत्नी। उसका कहना है कि आखिर क्या वजह है कि उसे हर साल समारोह में आमंत्रित नहीं किया जाता है।
22 सितंबर 2010 को शहीद हुए थे हरीश
नक्सल प्रभावित लांजी थाना क्षेत्र में पुलिस चौकी सुलसुली से सीतापाला जाते समय नक्सलियों ने हॉकफोर्स के जवान हरीश राहंगडाले पर बहेला थाना क्षेत्र के टिमकीटोला में हमला कर दिया था। इसमें हरीश को अपनी जान गवांनी पड़ी। वे 8 जून 2007 को हॉकफोर्स भर्ती हुए थे।
गर्व के साथ होती है पीड़ा
शहीद हरीश राहंगडाले की पत्नी सीमा ने बताया कि, हर साल पुलिस 21 अक्टूबर को शहीद दिवस समारोह मनाती है। इसमें लगातार उसकी उपेक्षा की जा रही है। पुलिस इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रण नहीं भेजती है। पुलिस मुझे शहीद की पत्नी नहीं मानती या मेरे पति को शहीद। शहीद के पत्नी होने पर गर्व होता है, लेकिन उपेक्षा से पीड़ा होती है।
पते में हुई गड़बड़ी
ऐसा नहीं है कि पुलिस ने किसी दुर्भावनावश उसे आमंत्रण नहीं दिया है। शहीद की सर्विस बुक के आधार पर जो पता पुलिस के पास उस पते पर आमंत्रण भेजा गया है। इसके चलते शहीद हरीश के माता-पिता कार्यक्रम में पहुंचे । जिले के ही नहीं अन्य जिलों में भी रहने वाले शहीदों के परिजनों को सम्मानपूर्वक आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित किया गया है। सीमा राहंगडाले ने जो शिकायत की है उसे भी गंभीरता से लिया जाएगा। भविष्य में पुलिस इस बात का ध्यान रखेगी। जहां शहीद की पत्नी रहती हैं, उनके पते पर भी आमंत्रण दिया जाएगा।
- अमित सांघी, एसपी बालाघाट