
नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट। बुधवार को माओवादी मुठभेड़ में सर्वोच्च बलिदान देने वाले हाकफोर्स निरीक्षक आशीष शर्मा की गुरुवार सुबह श्रद्धांजलि यात्रा निकाली गई। यह यात्रा शहर के आंबेडकर चौक से पुलिस लाइन तक निकाली गई। यात्रा में बड़ी संख्या में हाकफोर्स, सीआरपीएफ, कोबरा और जिला पुलिस बल के जवानों के साथ कलेक्टर मृणाल मीना, राजनेता व आम लोग भी शामिल हुए।
बलिदानी आशीष की पार्थिव देह फूलों से सजे शव वाहन में रखकर पुलिस लाइन तक लाई गई। इस दौरान जवानों के चेहरे पर जाबांज साथी को खोने का दुख झलक रहा था। बलिदानी आशीष के परिजनों के साथ कई जवान भी रो पड़े।

पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा भी खुद को नहीं संभाल सके और अपने साहसी, निर्भीक और वीरता पदक विजेता जवान को खोने पर उनके भी आंसू छलक पड़े। जवानों ने एसपी के गले लगकर एक-दूसरे को ढांढस बांधा। पुलिस लाइन में बलिदानी आशीष शर्मा को सभी ने बारी-बारी से पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

जानकारी के अनुसार, बालाघाट पहुंचे बलिदानी के परिजन श्रद्धांजलि यात्रा के बाद आशीष शर्मा का शव अपने साथ पैतृक गांव बोहानी (नरसिंहपुर) ले गए। यहीं, उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होंगे।

बता दें कि दो बार के वीरता पदक विजेता निरीक्षक आशीष शर्मा 19 नवंबर को छत्तीसगढ़ के बोरतालाब के जंगल क्षेत्र में माओवादियों से हुई मुठभेड़ में बलिदान हो गए थे। वह बालाघाट की किन्ही चौकी के प्रभारी थे। बुधवार को हुए ज्वाइंट ऑपरेशन को आशीष शर्मा ही लीड कर रहे थे।