
नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट। एक नवंबर से बालाघाट में दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट और चौपहिया वाहन चालकों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य कर दिया गया है। शनिवार सुबह से रात तक एसपी आदित्य मिश्रा खुद चौक-चौराहों पर नियम तोड़ने वालों की निगरानी करते दिखे। पैदल चलकर लोगों को हेलमेट पहनने की अपील भी की, लेकिन राजघाट चौक पर हेलमेट को लेकर एसपी और परसवाड़ा के पूर्व विधायक उमाशंकर मुंजारे के बीच नोकझोंक हो गई।
बिना हेलमेट बाइक चला रहे पूर्व विधायक से एसपी ने हेलमेट न पहनने का कारण पूछा। इस पर मुंजारे भड़क गए। उन्होंने एसपी से कहा- मुझे कानून मत सिखाओ। मैं पूर्व विधायक हूं। इतना ही नहीं, मुंजारे ने खुद को जनप्रतिनिधि बताकर पुलिस पर धौंस जमाने की कोशिश की। एसपी ने पूर्व विधायक से ड्राइविंग लाइसेंस मांगा, आईडी प्रूफ दिखाने कहा, जिस पर मुंजारे बुरी तरह भड़क गए और कहा- मेरी गाड़ी, चोरी की गाड़ी है। मैंने कहां से चोरी की है, पता कर लो। इसके बाद पुलिस ने पूर्व विधायक की बाइक यातायात थाने में खड़ी कर दी और 2300 रुपये का चालान काटा।
चालान की राशि जमा करने के बाद पूर्व विधायक को गाड़ी दी गई। इस पर एसपी ने कहा कि हेलमेट की अनिवार्यता, लोगों की सुरक्षा के लिए लागू की गई है। बालाघाट की जनता ने पुलिस का सहयोग किया और हेलमेट पहनकर सजगता दिखाई।
जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुहिम का हिस्सा बनकर लोगों को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक किया, लेकिन पूर्व विधायक जैसे जनप्रतिनिधि का असली रूप सामने आ गया है। ये चाहते हैं कि जनता पर पूरे नियम लागू हों, जनप्रतिनिधि पर नहीं। बता दें कि उमाशंकर मुंजारे पूर्व सांसद कंकर मुंजारे के छोटे भाई और बालाघाट की कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे के देवर हैं।