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चिटफंड कंपनियों से जमा पूंजी दिलाने की मांग
कांग्रेससेवा दल जिलाध्यक्ष व पुलिस के बीच हुई झड़प, घिरी पुलिस, समझाइस से मामला शांत
पुलिस कार्रवाई के विरोध में 15 दिन बाद करेंगे जेल भरो आंदोलन
01-बीजीटी-01-बालाघाट। काली पुतली चौक पर धरना देकर प्रदर्शन करते निवेशक, एजेंट।
01-बीजीटी-02-बालाघाट। कांग्रेस सेवा दल अध्यक्ष व पुलिस के बीच हुई बहस।
01-बीजीटी-05-बालाघाट। तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते प्रदर्शनकारी।
बालाघाट। नईदुनिया प्रतिनिधि।
चिटफंड कंपनियों के झांसे में आकर अपनी जमा पूंजी गवां बैठे जिले के निवेशक व एजेंट सोमवार को कांग्रेस के साथ मिलकर रुपए वापस दिलाए जाने की मांग को लेकर काली पुतली चौक पर चक्काजाम किया। प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस सेवा दल के जिलाध्यक्ष अनुराग चतुरमोहता व पुलिस के बीच झड़प की स्थिति निर्मित हो गई। पुलिस ने जिलाध्यक्ष को पकड़कर प्रदर्शन स्थल से अलग करने का प्रयास किया तो बड़ी संख्या में शामिल भीड़ ने पुलिसकर्मियों को ही घेर लिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। भीड़ के बढ़ते उग्र रवैये को देख पुलिस शांत हुई जिसके बाद भीड़ भी शांत हो गई वहीं मौके पर पहुंचे तहसीलदार रामबाबू देवागंन को भीड़ ने ज्ञापन सौंप चिटफंड कंपनियों से उनके रुपए दिलाने की मांग की है। साथ ही पुलिस कार्रवाई के विरोध में 15 दिन के बाद जेल भरो आंदोलन की चेतावनी भी प्रदर्शनकारियों ने दी हैं।
इसलिए हुई झड़प
सर्वहित महाकल्याण वेलफेयर फाउंडेशन व कांग्रेस के साथ मिलकर चिटफंड कंपनियों से अपना रुपया वापस मांगने के लिए निवेशक बड़ी संख्या में बस स्टैंड स्थित धरना प्रदर्शन स्थल पर एकत्रित हुए थे। यहां पर धरना प्रदर्शन कर उन्होंने जनआक्रोश रैली निकाली जो नगर के अवंती चौक, कालीपुतली चौक, राजघाट चौक, सुभाष चौक, हनुमान चौक, आंबेडकर चौक होते हुए वापस काली पुतली चौक पहुंची। प्रदर्शनकारियों ने चौक को चारों तरफ से घेरकर सड़क पर बैठकर प्रदर्शन शुरु कर दिया। पुलिस ने अनुमति न होने की बात कहकर चक्काजाम को बंद करवाने का प्रयास किया। जिस पर बहस बढ़ गई और नौबत झड़प तक आ गई।
इन कंपनियों के पास है जमा रुपया
संगठन के जिलाध्यक्ष प्रेम मांद्रे ने बताया कि बालाघाट जिले के करीब 35 हजार निवेशकों को 300 करोड़ रुपए चिटफंड कपनियां लेकर फरार हो गई है, और पिछले दो साल से लगातार प्रदर्शन के माध्यम से निवेशक व एजेंट अपना रुपया वापस मांगने के लिए प्रदर्शन कर रहे है। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है, इसके कारण ही सोमवार को चक्काजाम कर प्रदर्शन किया गया है।
ये कंपनियां हुईं बंद
उन्होंने बताया कि जेएसवी डेवलपर इंडिया लिमिटेड, जय विनायक बिल्ड क्राप लिमिटेड, अर्थ विनायक मल्टीकार्पोरिटव सोसायटी, सांई प्रसाद गु्रप ऑफ कंपनी, निर्मल इन्फ्राहोम, एसपीएनजे कंपनी, इंडसवेअर इंडस्ट्रीज, अनमोल इंडिया, फ्यूचर गोल्ड कंपनी, पिनकान कंपनी, आस एग्रो कंपनी, बीएनजी ग्लोबल कंपनी, धनलक्ष्मी कंपनी, कोतकाता वेयर हाऊस कंपनी, श्री सांई कंपनी, सनसाईन इन्फ्राबील्ड कंपनी, भूमि देवकान कंपनी, वी ग्रुप कंपनी, पीएसीएल इंडिया, एसबीएन डेयरी कंपनी, सांई दीप कंपनी, सद्गुरु सांई कंपनी, सांई प्रकाश कंपनी, महाकौशल कंपनी बंद होने से निवेशकों की जमा पूंजी डूब गई हैं।