बालाघाट, नईदुनिया प्रतिनिधि। भरवेली माइंस के अंदर काम कर रहे दो मजदूरों की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। दोनों मृतक मजदूर बेनीराम पिता मिसतरिया बावने 55 वर्ष वार्ड नंबर 8 और लिखीराम पिता चमारू जामरे 56 वर्ष ग्राम सुरवाही थाना भरवेली निवासी है। 28 सितंबर को दो बजे करीब लंच टाइम में दोनों मजदूर की अचानक तबीयत खराब हो गई। जिनमें एक मजदूर बेनीराम बावने की भरवेली माइंस के अस्पताल में ही मौत हो गई। वहीं दूसरे मजदूर लिखीराम जामरे की जिला अस्पताल आते समय मौत हो गई। दोनों मजदूर की किस वजह से मौत हुई स्पष्ट नहीं हो पाया है।
भोजन करते समय खराब हुई तबीयत : जानकारी के अनुसार 28 सितंबर को बेनीराम बावने और लिखीराम जामरे दोनों सुबह 8 से 5 की ड्यूटी करने भरवेली माइंस आए थे। लिखीराम जामरे भरवेली माइंस के अंडर ग्राउंड 10 लेवल पर काम कर रहा था और और बेनीराम बावने 4 लेबल ओपन कास्ट में काम कर रहा था। दो बजे लंच समय में दोनों मजदूर की अचानक तबीयत खराब हो गई। लिखीराम जामरे जब काम कर रहा था तभी उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई और वह काम छोड़कर अकेला ही माइंस अस्पताल पहुंचा जहा इलाज दौरान ही लिखीराम जामरे अस्पताल में ही लुढ़क गया। जिसकी वहीं मौत हो गई। बेनीराम अन्य मजदूरों के साथ खाना खाने बैठा, उसी दौरान उसके नाक और मुंह से पानी निकलने लगा। उसे तुरंत माइंस अस्पताल लाया गया वहां से चौपहिया वाहन से बेनीराम बावने को नगर के प्राइवेट चिकित्सक के पास लाया गया जिसने उसे जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी। बेनीराम को जिला अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। लिखीराम जामरे का शव भी जिला अस्पताल लाया गया। जिला अस्पताल पुलिस चौकी के सहायक उपनिरीक्षक जितेंद्र बाहेश्वर, प्रधान आरक्षक नवल किशोर, आरक्षक मुनेश्वर भगत ने दोनों मृतक की लाश पोस्टमार्टम करवाकर उनके स्वजन को सौंप दी है। दोनों मजदूरों की मौत किस वजह से हुई अभी पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं हो पाया है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि दोनों मजदूर की मौत हृदय गति रुक जाने से हुई है। किंतु पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। जांच भरवेली पुलिस द्वारा की जा रही है।
भाई ने कहा- अचानक तबीयत खराब हो गई : लखन जामरे ग्राम सुरवाही निवासी ने बताया कि मृतक लिखीराम जामरे उसका बड़ा भाई है और दोनों ही साथ में काम करते हैं। 10 लेवल पर काम चल रहा था। अचानक लिखीराम जावरे की तबीयत खराब होने पर लिखीराम जामरे काम छोड़कर ऊपर आया और उसे माइंस के अस्पताल ले गए थे जहां पर उसकी मौत हो गई। मजदूर केदारनाथ ने बताया कि दो बजे लंच टाइम में भोजन करने बैठे थे। तभी बेनीराम भोजन कर रहा था तभी उसके नाक और मुंह से पानी निकलने लगा जिसे तुरंत ही माइंस अस्पताल ले गए और वहां से बालाघाट के डॉक्टर चतुर्मोहता के यहां ले गए थे। जहां पर चेक करने पर डॉक्टर ने बेनीराम को मृत घोषित कर दिया।