बालाघाट (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिले की बिरसा तहसील के जंगला में एक किसान ने काला व विष्णु भोग धान की खेती कर अन्य किसानों के लिए मिसाल बन गए है। अब काला व विष्णु भोग धान की खेती से किसानों की जल्द ही आर्थिक हालत सुधरने वाली है। दोनों किस्म की खेती दो साल से की जा रही है जिसका नतीजा यह है कि एक किसान से शुरूआत हुई खेती को दस किसानों ने अपनाना शुरू कर दिया है। आमदनी दोगुना होने पर हर साल संख्या बढ़ने लगी है। इस किस्म को उगाने में जैविक खाद का उपयोग किया जा रहा है और धान से बना चावल महानगरों में आसानी से विक्रय होने से अच्छी आमदानी प्राप्त कर रहे है।
किसान गोवर्धन (50) पिता रतिराम पटले ने बताया कि वर्ष 2018-019 से ढाई एकड़ में जबलपुर से धान के बीज लाकर इसकी खेती शुरू किया था जो पांच एकड़ तक पहुंच गई है। काला धान का चावल औषधीय गुण वाला होने पर 350 से 400 किलोग्राम और विष्णु भोग चावल सुगंधित होने से 200 रुपये तक बाजार में बिक जाता है।
इसीलिए भोपाल में एस डीडी मॉल के सामने 8 जनवरी से 13 जनवरी तक गुड़ संक्रांति मेला में पहली बार दुकान लगाई है। पिछले साल काला व विष्णु भोग की 8 क्विंटल व इस साल 12 क्विंटल उत्पादन लिया हुआ है। जिसके चलते दो साल महानगरों में चावल बेचकर आमदानी प्राप्त कर रहा है। अभी तक महाराष्ट्र राज्य के गोंदिया, नागपुर में चावल बेचा जा रहा था।
इतने गांवों के किसानों ने अपनाई उन्नत धान की खेती
काला धान व विष्णु भोग धान की खेती करने 10 किसानों को प्रशिक्षण दिया। जिससे मुंडघुसरी गांव, देवरीमेटा, जगला, चिचगांव में उन्नात किस्म की खेती कर अपनी आर्थिक हालत में सुधार लाने का प्रयास कर रहे है। गोवर्धन का मानना है कि अन्य धान से बनाए हुए चावल की कीमत 30 से 100 रुपये तक मिलती है। इसके लिए उन्नात किस्म किसान अपने खेतों में उगाकर उसका चावल महानगरों में बेचकर अच्छी आमदानी प्राप्त कर सकते है।
औषधीय गुणों वाला होता है काला चावल
कृषि विज्ञान केंद्र बड़गांव बालाघाट के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. आरएल राऊत बताते है कि काला में कई औषधीय गुण पाए जाते है। काले चावल में जिंक, आयरन अधिक मात्रा में होता है। शरीर के कोलेस्ट्रॉल को घटाता है जो दिल के लिए अच्छा माना जाता है, यह हार्ट अटैक आने की संभावनाओं को कम करता है। इसमें फाइबर होता है और पाचन क्रिया ठीक रहती है और कई अन्य पेट की बीमारियां खत्म होती है। इस चावल से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होती है यह शुगर, बीपी व कैंसर जैसी बीमारियों से भी दूर रखता है। इसके अलावा विष्णु भोग चावल सुगंध के लिए मशहूर है।
इनका कहना
किसानों को यदि आर्थिक हालत में सुधार लानी है तो उन्नत किस्म का धान उगाना चाहिए। इसमें काला चावल औषधीय गुण व विष्णु भोग सुगंधित चावल है। जिले में इस किस्म की ओर किसानों का रूझान बढ़ रहा है।
डॉ. आरएल राऊत, प्रमुख वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र बड़गांव बालाघाट