बिना प्रोटोकाल के बाघिन का शव जलाने के मामले में फरार वनरक्षक हिमांशु घोरमारे जबलपुर से गिरफ्तार
मृत बाघिन की तस्वीर सोशल मीडिया पर दो अगस्त को एक वन्यजीव प्रेमी ने वायरल की थी। आनन-फानन में वन विभाग ने टीम गठित शव को जंगल में खोजना शुरू किया। दो दिन तक जहां शव बहकर आया था, उस स्थान तक टीम पहुंची थी, लेकिन शव वहां नहीं मिला था।
Publish Date: Fri, 21 Nov 2025 09:27:06 PM (IST)
Updated Date: Fri, 21 Nov 2025 09:33:39 PM (IST)
वनरक्षक हिमांशु घोरमारे।HighLights
- बिना प्रोटोकाल के बाघिन का शव जलाने का मामला।
- टाइगर स्ट्राइक फोर्स जबलपुर की टीम ने पकड़ा।
- मुखबिर की सूचना पर दिया कार्रवाई को अंजाम।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट। वर्षा की बाढ़ में बहकर आई बाघिन उम्र छह वर्ष के शव को बिना प्रोटोकाल के जलाने के मामले में साढ़े तीन माह से फरार चल रहा वनरक्षक हिमांशु घोरमारे को स्टेट टाइगर स्टाइक फोर्स जबलपुर की टीम ने मुखबिर की सूचना पर गुरुवार 20 नवंबर को जबलपुर से गिरफ्तार कर लिया है।
टीम के अनुसार मुखबिर से सूचना मिली थी कि बालाघाट के अवधपुरी कालोनी निवासी पांच हजार के इनामी आरोपित हिमांशु घोरमारे जबलपुर आधार घंटाघर सिविल लाइन के पास घूम रहा है। उसे घेराबंदी धर दबोचा गया। शुक्रवार को वारासिवनी न्यायालय में पेश करने के बाद रिमांड पर लिया गया है।
इस प्रकरण में शामिल छह सुरक्षा श्रमिक एक डिप्टी रेंजर कुल सात आरोपितों को टीम पूर्व में ही गिरफ्तार कर चुकी है। इस प्रकरण में अब आरोपितों की संख्या कुल आठ हो गई है।
बता दें कि दक्षिण वन मंडल बालाघाट अंतर्गत सोनेवानी कंजर्वेशन रिजर्व लालबर्रा के बहियाटिकुर बीट कक्ष क्रमांक 443 में 27 जुलाई को ग्राम बोरी के पोटूटोला नहर के पास बहने वाले कालागोटा नाले में बाघिन का शव बहकर आया था। डिप्टी रेंजर टीकाराम हनोते व वनरक्षक हिमांशु घोरमारे के कहने पर सुरक्षा श्रमिकों ने तीन दिन तक शव को इधर उधर स्थान बदल बदलकर रखा और 30 जुलाई को लकड़ी का इंतजाम होने पर जला दिया गया था।
घटना का फोटो वायरल
मृत बाघिन की तस्वीर सोशल मीडिया पर दो अगस्त को एक वन्यजीव प्रेमी ने वायरल की थी। आनन-फानन में वन विभाग ने टीम गठित शव को जंगल में खोजना शुरू किया। दो दिन तक जहां शव बहकर आया था, उस स्थान तक टीम पहुंची थी, लेकिन शव वहां नहीं मिला था। तीसरे दिन नाले किनारे जिस जगह पर शव को जलाया गया था, वहां पर पेड़ों के झूलसे पत्तों से बाघिन के शव को जलाने की पुष्टि की गई। इसके बाद छह सुरक्षा श्रमिकों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। जिन्होंने पूछताछ में डिप्टी व वनरक्षक के कहने पर शव जलाने की बात बताई थीं।
इनाम किया गया था घोषित
- खास बात यह है कि शव को जंगल में खोजने के दौरान छह आरोपित को पकड़े जाने तक डिप्टी रेंजर व वनरक्षक साथ में ही थे, लेकिन वन विभाग को पता रहने के बाद भी उन्हें पकड़ा नहीं गया और वे दोनों फरार हो गए।
- दो-तीन बार डीएफओ ने कार्यालय में हाजिर होने नोटिस भी जारी किया, लेकिन दोनों फरार ही रहे। आरोपियों को सेवा से पृथक करने भोपाल प्रस्ताव भेजा गया था।
- डीएफओ ने आठ अक्टूबर को दोनों वरिष्ठ स्तर से अनुमति मिलती ही सेवा से पृथक कर दिया गया था। विभिन्न न्यायालयों से आरोपितों की जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई थी।
- डिप्टी रेंजर को पिछले दिनों टीम ने गिरफ्तार किया था। 20 नवंबर को हिंमाशु को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस पर पांच हजार का इनाम भी घोषित किया गया था।
एसटीएसएफ कर रही जांच
- मामले को गंभीरता से लेकर स्थानीय स्तर पर एसआईटी गठित की गई थी, लेकिन वन्यजीव प्रेमियों के विरोध के चलते कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव मध्य प्रदेश भोपाल के द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए यह प्रकरण की अग्रिम विवेचना के लिए प्रकरण का पांच अगस्त 2025 को स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स जबलपुर इकाई को हस्तांतरण किया गया।
- अब फरार आठवां आरोपी वनरक्षक भी गिरफ्तार कर लिया है। इसे रिमांड में लेकर पूछताछ की जाएगी। इस पूछताछ में नई जानकारी सामने आने की बात कही जा रही है।