Chaitra Navratra 2023 : कटंगी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिले के कटंगी तहसील मुख्यालय में चैत्र नवरात्र धूमधाम से मनाया जा रहा है।यहां वार्ड नंबर सात सिवनी मार्ग पर शिव मंदिर परिसर में मां दुर्गा प्रतिमा स्थापित की गई हैं।मंदिर में रोज सुबह शाम आरती और श्रद्धालुओं द्वारा जस भजन का गायन किया जा रहा है।नवरात्र में प्रतिमा स्थापित करने के लिए एक परिवार तीन पीढ़ी से मां जगतजननी की प्रतिमा बनाने का कार्य कर रहा है।चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा तो शारदेय नवरात्र में मां काली की प्रतिमा बनाकर स्थापित की जाती है।प्रतिमा बनाने का यह सिलसिला 106 वर्षों चल रहा है।प्रतिमा विसर्जन करने पर पानी में घुल जाए,इसके लिए चिकनी मिट्टी से बनाते हैं।
शिव मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि सिवनी मार्ग पर शिव मंदिर में हर वर्ष चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा प्रतिमा और शारदेय नवरात्र में मां काली प्रतिमा रखते है।नवरात्र में प्रतिमा बनाने का कार्य 18 वर्ष से महिपाल सेंदरे द्वारा किया जा रहा है।पूर्व में इनके परिवार से उनके पिता स्वर्गीय मारूतिराव सेंदरे, स्वर्गीय कृष्ण कुमार सेंदरे द्वारा किया जाता था।इस बार चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा की पौने पांच फीट प्रतिमा स्थापित की गई है।दोनों नवरात्र में 11 सदस्यीय समिति के सदस्यों द्वारा आयोजन की देखरेख सहित अन्य कार्य संपादित करवाएं जाते है।
ऐसे बनाते हैं मिट्टी की प्रतिमा
मूर्तिकार महिपाल सेंदरे ने बताया कि प्रतिमा बनाने के लिए 15 दिन का समय लग जाता है।इस बार पौने पांच फीट की प्रतिमा बनाई है।प्रतिमा बनाने में लकड़ी,पैरा ढांचा तैयार किया जाता है।जिसमें पैरा 20 किलोग्राम, रस्सी 10 किलोग्राम, बोरा पतली पांच किलोग्राम का उपयोग किया जाता है।धान का पुआल 15 किलोग्राम और 55 किलोग्राम मिट्टी मिलाकर ढांचे में लैप कर देते हैं।उसके बाद प्रतिमा को क्रेक होने से बचाने डेढ़ किलोग्राम कपास का उपयोग किया गया।इस बार प्रतिमा बनाने में रंग-रोगन, मुकुट, हार, साज सज्जा तैयार करने में 11 हजार रुपये का खर्चा आया हैं।वहीं, पूरे नवरात्र में 51 हजार रुपये का खर्चा आ रहा हैं।
प्रतिमा बनाने के यह हैं नियम
प्रतिमा बनाने के पहले कारीगर स्नान करके लकड़ी पाटा तैयार करता है।जिसकी नारियल,अगरबत्ती से पूजा अर्चना की जाती है।उसके बाद रोज नहाने के बाद ही मूर्त रूप देना पड़ता है।खास बात यह है कि माता रानी की आंख बनाते समय कारीगर ही नियमानुसार अकेला रहता है और बनने के बाद चेहरा ढांक दिया जाता हैं।
इनका कहना
शिव मंदिर परिसर में चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा व शारदेय नवरात्र में मां काली प्रतिमा स्थापित की जाती है।नौ दिन तक पूजा अर्चना कर श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी करते है।रोज आरती के साथ जस भजन का गायन किया जा रहा है।
पंडित उमाशंकर तिवारी, अध्यक्ष, शिव मंदिर समिति कटंगी।
इनका कहना
शिव मंदिर में चैत्र नवरात्र व शारदेय नवरात्र में नौ दिनों तक विराजित होने वाली प्रतिमा हमारी तीन पीढ़ी से बनाते आ रहे है।इस बार चैत्र नवरात्र में भी मां दुर्गा की प्रतिमा बनाकर स्थापित की गई है।जहां रोज सुबह शाम आरती व पूजा अर्चना की जा रही है।
महिपाल सेंदरे, मूर्तिकार कटंगी।