नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट। सिवनी में हवाला लूटकांड के बाद अब बालाघाट में पुलिस सुरक्षा में रखी लाखों की राशि चोरी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। कोतवाली थाना के मालखाने में रखी लगभग 50-55 लाख रुपये की राशि मालखाना प्रभारी ने ही पार कर दी। कई अहम दस्तावेज, सोने-चांदी के आभूषण भी गायब हैं, जिनकी कुल राशि करीब 80-85 लाख आंकी जा रही है।
ये राशि और जेवर करीब 32 आपराधिक मामलों में पुलिस ने जब्त किए थे। अमानत में खयानत के इस मामले से कोतवाली सहित विभाग में हड़कंप है। मालखाना प्रभारी कार्यवाहक प्रधान आरक्षक राजीव पंद्रे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत एफआइआर दर्ज की गई है।
हालांकि, उसे अब तक निलंबित नहीं किया गया है। विभागीय जांच शुरू करने के साथ पुलिस ने मालखाना काे सील कर दिया है। प्रआर पंद्रे पिछले दो साल से मालखाने की सुरक्षा संभाल रहा है।
मालखाने की चाबी उसी के पास रहती है। यहां अलग-अलग अपराधों में विवेचना के बाद बरामद/जब्त की गई राशि, जेवर रखे जाते हैं। प्रआर पंद्रे लंबे समय से जब्ती की राशि पार कर रहा था। पुलिस प्रधान आरक्षक से पूछताछ कर रही है। मालखाना सहित कोतवाली में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं।
इस मामले में पर्दे की कहानी पुलिस को शर्मसार कर रही है। सूत्रों की मानें, तो प्रअार राजीव पंद्रे लंबे समय से मालखाने की राशि पार कर रहा था, जिसे वह जुआ और सट्टे में खर्च करता था। वह सिवनी में कई जगह जुआ-सट्टे में सरकारी पैसों को दांव में लगा चुका है। सिवनी में अच्छी रकम जीतने के बाद राजीव ने गोंदिया में भी जुआ-सट्टा खेला, लेकिन इसमें वह लाखों रुपये हार गया। इससे वह तनाव में था। सूत्रों के अनुसार, तीन दिन पहले प्रअार ने कोतवाली में ही फांसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था।
पुलिस जानकारी के अनुसार, पुलिस ने मालखाने से पार हुई राशि में 40 लाख रुपये की वसूली कर ली है। पता चला है कि आरोपित राजीव पंद्रे ने मालखाना के करीब दस लाख रुपये के सोने-चांदी के जेवर सराफा कारोबारी के पास गिरवे रखे हैं। पुलिस सराफा कारोबारी से भी पूछताछ कर रही है। आरोपित ने सिवनी में जहां जुआ-सट्टा खेला था, वहां से पुलिस ने कुछ जुआरियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
कोतवाली के मालखाना प्रभारी द्वारा बड़ी रकम पार करने का मामला संज्ञान में आया है। इस मामले की जांच चल रही है। भौतिक सत्यापन और पूछताछ के बाद ही चोरी हुई राशि का असल आंकड़ा पता चलेगा।
निहित उपाध्याय, एएसपी, बालाघाट