नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट। घने जंगल के बीच बसे ग्राम गोदरी की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है, यही कारण है कि यहां वर्षभर पर्यटक आते हैं। आय का जरिया बढ़ाने के लिए गांव में धड़ल्ले से अंग्रेजी व कच्ची शराब बेची जाती है। यहां नशामुक्ति के लिए ग्रामीणों ने पहल की है। शराब बनाने व बेचने पर अंकुश लगाने के लिए ग्रामीणों ने पूर्ण रूप से शराबबंदी करने का निर्णय लिया है। इसे लेकर ग्राम पंचायत में प्रस्ताव भी स्वीकृत हो चुका है।
सरपंच तनुजा गढ़पाले ने बताया कि गांव में शराब बनाने वाले, उसका विक्रय करने वालों पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाने का प्रविधान किया गया है। शराब पीते हुए पाए जाने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। इतना ही नहीं, शराब बनाने व विक्रय करने वालों का नाम व पता बताने पर पांच हजार रुपये का इनाम भी दिया जाएगा। इसी तरह जुआ खेलते पकड़े जाने पर 30 हजार रुपये का जुर्माना तय किया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए सामूहिक निर्णय लिया गया है। शराबखोरी के कारण गांव में आने वाले पर्यटकों के साथ अक्सर अशोभनीय घटनाएं होती रहती हैं, जिससे पर्यटन पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं शराबखोरी के कारण गांव में झगड़े, महिलाओं-युवतियों के साथ छेड़छाड़, अभद्रता की घटनाएं भी होती हैं।
गोदरी के पंचायत सचिव बलराम कांवरे ने कहा कि ग्राम पंचायत गोदरी चार गांव की पंचायत है, यहां बढ़ती शराब की बिक्री पर पूर्ण रूप से रोक लगाने के लिए ग्राम पंचायत में बैठक का आयोजन कर सर्वसम्मति से शराबबंदी का प्रस्ताव पास किया है, और समिति के माध्यम लगातार काम करने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रयास को जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से सहयोग मिलेगा तो और भी सफलता मिल सकेगी।