बालाघाट, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सोमवार को बालाघाट जिला मुख्यालय के अलावा वारासिवनी व रामपायली में आममन होने जा रहा है। जिले की वारासिवनी तहसील के महाराष्ट्र राज्य पर बसे ग्राम रामपायली में वनवास के दौरान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण शरभंग ऋषि से मिलने आए थे। यहां पर चंदन नदी किनारे श्रीराम बालाजी मंदिर भी है। जहां पर साल भर समीपी राज्य से श्रद्धालु आते रहते हैं इसलिए सरकार द्वारा रामपायली को भगवान राम के आगमन से जोड़ा गया है। साथ ही डाक्टर हेडगेवार की रामपायली जन्मस्थली है।
डाक्टर केशव बलीराम द्वारा आरएसएस की स्थापना के पूर्व भारतीय स्वतंत्रता समर के उनकी विभिन्न स्मृतियों का गवाह हैं। डाक्टर हेडगेवार कोलकाता से एमबीबीएस करने के बाद और आरएसएस की स्थापना के पूर्व एक लंबे कालखंड में रामपायली में रहकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की विभिन्न गतिविधियों को संचालित करते रहे। रामपायली में ही डाक्टर केशव बलीराम हेडगेवार ने अंग्रेजों के खिलाफ उग्र आंदोलन कर अंग्रेजों को भागने पर मजबूर कर दिया था।
डाक्टर केशव बलीराम ने रामपायली में स्वातंत्र्य समर के लिए अपनी पहली सभा दशहरे के दिन की थी। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान डाक्टर हेडगेवार ने रामपायली में रहकर ही जंगल सत्याग्रह सहित अनेक क्रांतिकारी गतिविधियों की रचना की और यहीं से उसका क्रियान्वयन किया।
बाल्यकाल पूरा यही बीता था
रामपायली में ही डा. केशव बलीराम हेडगेवार का बाल अवस्था में जीवन गुजरा है उनका पुराना घर और उनका पूजन स्थल विठ्ठल रुकमई का मंदिर है, जो वर्तमान में जीर्णशीर्ण हो चुका है
मुख्यमंत्री रामपायली में स्थित भगवान राम मंदिर के दर्शन के साथ डाक्टर हेडगेवार से जुड़ी स्मृतियों का निरीक्षण करेंगे और आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के भाषण में भी रामपायली में डाक्टर हेडगेवारजी की स्मृतियों को संजो कर रखने की बात कही थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि डा. केशव बलिराम हेडगेवार ने अपना जीवन देश और स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित कर दिया था। बालाघाट जिले के रामपायली से उनकी यादें जुड़ी हुई है। स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी उनकी यादों को हम रामपायली में स्थाई रूप से सहेजेंगे।
स्मारक बनाने देंगे निर्देश
मुख्यमंत्री चौहान आज निरीक्षण के बाद रामपायली में डाक्टर हेडगेवार के स्वातंत्र्य समर में योगदान से जुड़ी स्मृतियों को संजोने की दृष्टि से एक स्मारक बनाने के लिए दिशा-निर्देश देंगे।