नईदुनिया प्रतिनिधि, बालाघाट। आदिवासी आश्रम में कार्यरत एक सफाईकर्मी को आयकर विभाग द्वारा 1.20 करोड़ रुपये का नोटिस भेजने का मामला सामने आया है। नोटिस के साथ सफाईकर्मी को 1.20 करोड़ रुपये का टैक्स जमा न करने पर कानूनी कार्यवाही की चेतावनी भी मिली है। हर महीने पांच हजार रुपये वेतन पाने वाले सफाईकर्मी संतोष चौधरी और उनका परिवार नोटिस मिलने के बाद से स्तब्ध है। खास बात है कि संतोष को पिछले वर्ष भी आयकर विभाग के बालाघाट कार्यालय से 55 लाख रुपये का नोटिस मिला था। तब संतोष ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर अपनी सफाई रखी थी। उन्होंने 55.39 लाख रुपये की फर्जी प्रविष्टी करने और पेन कार्ड का छल-कपट कर दुरुपयोग करने की शिकायत की थी। अब दूसरी बार संतोष को ब्याज और हर्जाना सहित 1.20 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है। संतोष, आयकर विभाग के चक्कर काट रहे हैं।
बालाघाट के पाद्रीगंज के रहने वाले संतोष ने ‘नईदुनिया’ को बताया कि कुछ वर्ष पहले गांव के पूर्व सरपंच अजय यादव ने कार खरीदने के लिए उससे पैन कार्ड मांगा था। उसने गाड़ी खरीदी और उसकी किस्त भी बराबर जमा करता रहा। छिंदवाड़ा के एक शोरूम से 2017-18 में 55 लाख रुपए का लेनदेन उसके पेन कार्ड में दिखाया दे रहा है। जबकि उसने कभी इस तरह का कोई लेनदेन किया ही नहीं। संतोष ने फरवरी 2024 में आयकर विभाग से मिले 55 लाख के नोटिस की पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकला। अब अगस्त 2025 में विभाग ने संतोष को 1.20 करोड़ रुपये का नोटिस थमा दिया है। संतोष ने आयकर विभाग से उनके पैन नंबर से हुई धोखाधड़ी की जांच करने की मांग की है। संतोष का कहना है कि भरोसा करके पूर्व सरपंच को अपना पैन कार्ड देना उनकी सबसे बड़ी भूल साबित हुई है।
संतोष ने बताया कि वह आदिवासी आश्रम में सफाईकर्मी हैं। परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। आश्रम परिसर में ही एक कमरे में उनका परिवार रहता है। घर में पुराना दो पहिया वाहन है। जानकारी के अनुसार, ये पूरा मामला छिंदवाड़ा के शोरूम और आयकर विभाग के बीच का है, लेकिन पैन कार्ड का दुरुपयोग होने से संतोष को आयकर विभाग से लाखों रुपये का टैक्स जमा करने के नोटिस आ रहे हैं। पुलिस भी संतोष को शोरूम और आयकर विभाग को अपनी समस्या बताने का सुझाव दे रही है।