योगेश कुमार गौतम, नईदुनिया, बालाघाट। शिक्षा की अलख जगाने का जज्बा ऐसा कि जंगल में पथरीले और कीचड़ से सने रास्ते के बीच एक शिक्षक ऐसे बच्चों को ढूंढने निकल जाते हैं, जो स्कूल नहीं जाते। कई पालक बच्चों को स्कूल नहीं भेजते और खेती-बाड़ी का काम कराते हैं। ऐसे में बच्चे भी पढ़ाई से जी चुराते हैं। यह शिक्षक उन्हें समझाते हैं कि पढ़ाई-लिखाई क्यों जरूरी है। नतीजा यह है कि बच्चे भी खेत से स्कूल पहुंच जाते हैं।
लांजी की देवरबेली पंचायत के टेमनी (सायर) गांव में कार्यरत माध्यमिक शिक्षक दान सिंह धुर्वे बैगा जनजाति से आते हैं। उनका उद्देश्य बैगा आदिवासी समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता लाना है। वह चाहते हैं कि बच्चे खूब पढ़ें और युवा शराब की लत छोड़े।
उनके प्रयासों से दो गांवों में शराबबंदी हो चुकी है। हाकफोर्स में डीएसपी संतोष पटेल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर 39 वर्षीय दान सिंह धुर्वे के समाज के लिए संघर्ष और शिक्षा के प्रति उनके जज्बे की प्रशंसा करते हुए पोस्ट साझा की है।
दान सिंह ने बताया कि वह प्रतिदिन स्कूल में बच्चों की उपस्थिति जांचते हैं। अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के पालकों से मिलने जाते हैं और उन्हें शिक्षा का महत्व समझाते हैं। महीने में 15 दिन तक ‘पालक संपर्क’ करते हैं। टेमनी और आसपास के केराडेही, सायर, संदूका जैसे गांवों में वह घर-घर जाकर माता-पिता से मिलते हैं।
दान सिंह शराब के नुकसान से भी ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं। सायर गांव में बड़ी मात्रा में कच्ची शराब बनाई जाती थी। मई में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान उन्होंने बैगा समाज की बैठक की और शराब के नुकसान बताए। लगातार बैठकें कीं तो सफलता भी मिली।
शराब बनाने वालों पर दंड लगाना तय हुआ तो कच्ची शराब बनना बंद हुई और कई लोगों ने शराब से दूरी भी बना ली। उन्होंने यही प्रयास ग्राम टेमनी में भी किया, जिससे वहां भी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। शराब निर्माण बंद होने से गांव की महिलाएं खुश हैं।
दान सिंह धुर्वे का कहना है कि उन्होंने कड़े संघर्ष से शिक्षा हासिल की। केराडेही में पांचवीं तक पढ़ने के बाद लांजी में 12वीं तक पढ़ाई की। तब वह रोजाना 30 किलोमीटर पैदल आना-जाना करते थे। उन्होंने बताया कि टेमनी, सायर, केराडेही सहित आसपास के गांवों में बिजली की समस्या है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। नेटवर्क की समस्या से इंटरनेट सुलभ नहीं हो पाता। वह चाहते हैं कि प्रशासन ये समस्याएं दूर कराए।