कटंगी (नईदुनिया न्यूज)। नगर परिषद् में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को सहायता राशि वितरित करने में लापरवाही करने का मामला सामने आया है। दरअसल, नगर परिषद् द्वारा वार्ड क्रं. 3 के हितग्राही मुन्नूलाल पिता सालिकराम डोंगरे के स्थान पर इसी वार्ड के मुन्नूलाल पिता कौड़ू डोंगरे के बैंक खाते में पीएम आवास की पहली किस्त एक लाख रुपये जमा कर दी गई। इस मामले की नगर के राजेश खंडेलवाल द्वारा शिकायत करने के बाद जांच में लापरवाही सामने आने पर तत्कालीन सीएमओ ने सहायक राजस्व निरीक्षक सुरेंद्र नेवारे को निलंबित कर दिया। लेकिन कर्मचारी के निलंबन के बाद भी यही लापरवाही पुनः दोहराई गई। मुन्नू पिता कौड़ू डोंगरे को दूसरी किस्त के रूप में एक लाख रुपये फिर आवंटित कर दिए गए। जबकि नियमानुसार पहली किस्त के आवंटन में गड़बड़ी सामने आने पर संबंधित का खाता होल्ड किया जाना था ऐसा न करते हुए पुनः उसे दूसरी किस्त प्रदान कर दी गई। अब इस लापरवाही के लिए दोषी कर्मचारी के वि.द्ध न कोई कार्रवाई की गई है और न ही गलती से आवंटित किए गए दो लाख रुपये की वसूली की जा रही है। शिकायतकर्ता राजेश खंडेवाल ने आरटीआइ के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर इस पूरे मामले में नगर परिषद् की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। आरोप है कि नगर परिषद् पीएम आवास योजना के नाम पर आंख बंदकर राशि का आवंटन कर रही है जिसका अंदाजा इस प्रकरण से लगाया जा सकता है।
इस तरह बरती गई लापरवाही
वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ढाई लाख रुपये की सहायता राशि का लाभ मुन्नूलाल पिता सालिकराम डोंगरे को प्रदान किया जाना था। वार्ड क्रं. 3 की डिमांड पंजी पृष्ठ क्रमांक 47 सरल क्रमांक 280 पर उन्हीीं का नाम पूर्व से दर्ज था। सहायक राजस्व निरीक्षक ने उसके स्थान पर एक अन्य व्यक्ति मुन्नू पिता कौड़ू डोंगरे का नाम दर्ज कर संबंधित को टैक्स की रशीद जारी कर दी। इस कारण गलत व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदान किया गया। इस तरह सात अक्टूबर 2019 को मुन्नू कौड़ू के बैंक अकाउंट में एक लाख रुपये डाल दिए गए। इस प्रकरण की शिकायत पर जांच में लापरवाही सामने आने पर तत्कालीन सीएमओ ने सहायक राजस्व निरीक्षक से चौबीस घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए। कर्मचारी द्वारा नियत समयावधि में जवाब प्रस्तुत न किए जाने पर पुनः नोटिस जारी किया गया। जिसके जवाब में कर्मचारी ने त्रुटिवश गलत व्यक्ति का नाम दर्ज किया जाना स्वीकार किया। इस लापरवाही पर 18 जून 2020 को कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया। लेकिन नगर परिषद् उस व्यक्ति का खाता होल्ड नहीं किया। जिसके खाते में गलती से एक लाख रुपये की पहली किस्त जारी की जा चुकी थी। 27 अप्रैल 2021 को एक बार फिर उसी बैंक खाते में एक लाख रुपये की दूसरी किस्त भी जारी कर दी गई। शिकायतकर्ता ने इस प्रकरण में लापरवाह कर्मचारी के वि.द्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई एवं गलत व्यक्ति के नाम जारी हुए दो लाख रुपये की वसूली की मांग की है।
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