बड़वानी। सनातन परंपरा से भारत अपने परिवार को ही नहीं अपितु वसुधैव कुटुंबकम की कल्पना को साकार कर रहा है। भारत देश में संयुक्त परिवार होना हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। लेकिन वर्तमान परिस्थिति में सर्वप्रथम संयुक्त परिवार का विघटन तेजी से हो रहा है वहीं अब एकल परिवार की परिभाषा भी बदल रही है। ऐसे में किसी परिवार में कोई सदस्य चाहे वह महिला हो या पुरुष,मनोरोग जैसी गंभीर समस्या से ग्रसित हो जाता है। तो उसे किसी काम के लायक नहीं समझ कर नजरअंदाज कर दिया जाता है। या उसे खुले रूप से छोड़ दिया जाता है। यह बात अक्सर मनो रोगियों को विभिन्ना अवस्था में हम सड़कों पर घूमता हुआ देखकर समझ सकते हैं। इसी सामाजिक परिदृश्य को देखकर कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा के मार्गदर्शन में सराफा व्यवसायी व समाजसेवी राजेंद्र चौकसी द्वारा एसडीएम घनश्याम धनगर एवं आशा ग्राम ट्रस्ट के ट्रस्टियों से समन्वय स्थापित कर निराश्रित मनो रोगियों को आश्रय देने की आशा ग्राम ट्रस्ट में एक पहल की गई। जिसके तहत प्रारंभ में 10 मनो रोगियों को आश्रय देने से शुरुआत की गई। जिला चिकित्सालय के सेवाभावी मनोरोग विशेषज्ञ डा राहुल पाटीदार के माध्यम से वर्तमान में चार निराश्रित मनो रोगियों को चिकित्सकीय पुनर्वास के साथ आश्रय दिया गया। रविवार को परिवार दिवस के अवसर पर आशा आश्रय में सभी के चेहरे पर खुशी का भाव नजर आ रहा था। इसका कारण था आश्रय गृह में 20 दिन पूर्व आए निराश्रित मनोरोगी जिसे अंजड़ रोड स्थित नाले के पास से आशा आश्रय की टीम ने रेस्क्यू किया था। वह पूरी तरह से ठीक हो चुका है। मरीज ने सर्वप्रथम अपना नाम बबन अहिरे बताकर मालेगांव महाराष्ट्र का रहने वाला बताया। जिस पर चिकित्सक डा पाटीदार के संचार कौशल से उसके परिवार को खोज लिया गया। रविवार को उसका भाई मालेगांव महाराष्ट्र से उसे लेने के लिए आया। संयोग से रविवार को विश्व परिवार दिवस भी था। इससे अच्छी बात भला क्या हो सकती है परिवार के एक सदस्य की आज पुनः अपने परिवार में घर वापसी हो रही है।मरीज के भाई भाऊसाहेब ने एसडीएम घनश्याम धनगर एवं आशाग्राम ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं के द्वारा मरीज के प्रति सहानुभूति पूर्वक पारिवारिक माहौल में किए गए उपचार की सराहना की। इस दौरान आशा आश्रय में भर्ती अन्य मनोरोगयों को परिवार दिवस पर परिवार की अनुभूति हर रोज की तरह कराने के लिए एसडीएम घनश्याम धनगर ने सीएमओ कुशल सिंह डोडवे, सहायक संचालक अजय कुमार गुप्ता, आशा ग्राम ट्रस्ट के कार्यकर्ता आदि के द्वारा चौपाल लगाकर संवाद किया ।